वोलबैचिया-संक्रमित मच्छर | 19 Aug 2024
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
डेंगू बुखार, चिकनगुनिया और ज़ीका वायरस भारत में विद्यमान प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ हैं, जिनके परिणामस्वरूप अत्यधिक आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है तथा स्वास्थ्य सेवाओं का बोझ भी बढ़ता है।
- इन बीमारियों को नियंत्रित करने की पारंपरिक विधियों की सीमित सफलता नवीन रणनीतियों की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जैसे कि वोलबैचिया-संक्रमित मच्छरों का उपयोग, जो एक आशाजनक विकल्प प्रदान करता है।
नोट:
- अप्रैल 2024 तक भारत में डेंगू के 19,447 मामले और इसके कारण 16 मौतें दर्ज की गईं। डेंगू के सर्वाधिक मामले केरल में दर्ज किये किये उसके बाद तमिलनाडु का स्थान था।
- भारत में डेंगू के कारण प्रतिवर्ष 28,300 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है साथ ही 5.68 लाख वर्ष युवा जीवन की हानि भी होती है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अप्रैल 2024 तक वैश्विक स्तर पर डेंगू के 7.6 मिलियन से अधिक मामलों की सूचना दी है।
मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने में कैसे मदद करता है वोलबैचिया?
- वोलबैचिया के बारे में:
- वोलबैचिया एक सामान्य प्रकार का जीवाणु (बैक्टीरिया) है, जो कीटों में पाया जाता है। विश्व भर में तितलियाँ, मधुमक्खियाँ और भृंग समेत सभी कीटों के संदर्भ में लगभग 10 में से 6 में वोलबैचिया पाया जाता है।
- वोलबैचिया बैक्टीरिया मानव या जानवरों (जैसे- मछली, पक्षी, पालतू जानवर) को बीमार नहीं कर सकता है।
- यह एडीज़ एजिप्टी मच्छरों में नहीं पाया जाता है।
- एडीज़ एजिप्टी डेंगू, जीका और चिकनगुनिया जैसे वायरस का प्रसार कर सकता है।
- वोलबैचिया युक्त एडीज़ मच्छरों का उपयोग लक्षित मच्छर प्रजातियों की संख्या को कम करने के लिये किया जा सकता है।
- वोलबैचिया मच्छर आनुवंशिक रूप से संशोधित नहीं होते हैं ।
- उत्पादन की प्रक्रिया: वोलबैचिया बैक्टीरिया को सबसे पहले नर और मादा एडीज़ एजिप्टी मच्छरों के अंडों में डाला जाता है।
- इसके बाद अंडों का उपयोग वोलबैचिया से संक्रमित नए मच्छरों के बड़े पैमाने पर उत्पादन हेतु किया जाता है।
- वोलबैचिया के दो उपभेद/प्रकार होते हैं - wMel और wAlbB , जिन्हें आबादी प्रतिस्थापन के लिये एडीज़ एजिप्टी मच्छरों में संक्रमित किया गया है।
- उत्पादन के बाद मच्छरों को लिंग के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। केवल नर मच्छरों को ही छोड़ा जाता है, जबकि मादा मच्छरों को प्रयोगशाला में आगे के प्रजनन के लिये रखा जाता है।
- इसके बाद अंडों का उपयोग वोलबैचिया से संक्रमित नए मच्छरों के बड़े पैमाने पर उत्पादन हेतु किया जाता है।
- मच्छरों को नियंत्रित करने हेतु उपयोग: वोलबैचिया-संक्रमित मच्छरों का उपयोग एडीज़ एजिप्टी, पीत ज्वर मच्छर जैसी लक्षित प्रजातियों की आबादी को कम करने के लिये किया जाता है, जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, ज़ीका बुखार, मायारो आदि का प्रसार कर सकते हैं।
- नियंत्रण विशेषज्ञ एडीज़ एजिप्टी की उपस्थिति वाले प्रक्रितिकृत क्षेत्रों में वोलबैचिया वाहक नर एडीज़ एजिप्टी मच्छरों को छोड़ देते हैं।
- जब ये वोलबैचिया वाहक नर मच्छर प्राकृतिक मादा एडीज़ एजिप्टी (जिनमें वोलबैचिया नहीं होता) के साथ जनन करते हैं, तो उत्पादित अंडे से बच्चे नहीं निकलते। परिणामस्वरूप एडीज़ एजिप्टी मच्छरों की आबादी कम हो जाती है।
- भारत में वोलबैचिया कार्यक्रमों की स्थिति: भारत में वर्तमान में सक्रिय वोलबैचिया मच्छरों को मुक्त किये जाने संबंधी कार्यक्रम का अभाव है।
- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद- वेक्टर नियंत्रण अनुसंधान केंद्र (ICMR-VCRC) ने wMel एडीज़ उपभेदों के विकास की पहल की है, लेकिन इसे सार्वजनिक अपडेट और सरकारी अनुमोदन में विलंब का सामना करना पड़ रहा है।
- कुछ हालिया निष्कर्षों से पूर्वोत्तर भारत में एडीज़ मच्छरों में वोलबैचिया की प्राकृतिक उपस्थिति का संकेत मिला है, हालाँकि इसका तात्कालिक कारण अज्ञात है।
वोलबैचिया के क्रियान्वयन संबंधी वैश्विक उदाहरण:
- सिंगापुर में संक्रमित नर मच्छरों को छोड़े जाने से एडीज़ की आबादी में 90% की कमी आई तथा जिन क्षेत्रों में इन्हें मुक्त किया गया वहाँ डेंगू के मामलों में 77% की कमी आई।
- ऑस्ट्रेलिया ने मच्छरों की आबादी के प्रतिस्थापन की रणनीति अपनाई, जिसके परिणामस्वरूप प्रकृतिकृत आबादी में wMel स्ट्रेन जीनोम स्थिर हो गया और डेंगू के मामलों में व्यापक कमी आई।
- इंडोनेशिया में एक ऐतिहासिक यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण से पता चला कि जिन क्षेत्रों में wMel (स्ट्रेन) मच्छर छोड़े गए, वहाँ डेंगू के मामलों में 77% की कमी आई और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में 86% की कमी आई।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. ‘वोलबैचिया पद्धति’ का कभी-कभी निम्नलिखित में से किस एक के संदर्भ में उल्लेख होता है? (a) मच्छरों से होने वाले विषाणु रोगों के प्रसार को नियंत्रित करना उत्तर: (a) |