शीतकालीन चारधाम | 06 Jan 2025
हाल ही में उत्तराखंड ने वर्ष भर पर्यटन को बढ़ावा देने और ऑफ-सीजन सर्दियों के महीनों के दौरान राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये शीतकालीन चारधाम सर्किट शुरू किया है।
- चारधाम तीर्थस्थल (4 पूजनीय तीर्थस्थल) चार पवित्र स्थल हैं, अर्थात यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ और ये गढ़वाल हिमालय में स्थित हैं। पारंपरिक रूप से मई और नवंबर के बीच इनकी यात्रा की जाती है।
- सर्दियों के महीनों के दौरान, इन मंदिरों के मुख्य देवताओं को निम्न ऊँचाई पर स्थित मंदिरों में लाया जाता है:
- केदारनाथ: उखीमठ (रुद्रप्रयाग) में ओंकारेश्वर मंदिर
- बद्रीनाथ: चमोली में पांडुकेश्वर
- गंगोत्री: उत्तरकाशी में मुखबा
- यमुनोत्री: उत्तरकाशी में खरसाली
- सर्दियों के महीनों के दौरान, इन मंदिरों के मुख्य देवताओं को निम्न ऊँचाई पर स्थित मंदिरों में लाया जाता है:
- चारधाम परियोजना का उद्देश्य राजमार्गों की स्थिति में सुधार करके बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक संपर्क बढ़ाना है।
- आदि शंकराचार्य (अद्वैत वेदांत के प्रतिपादक) ने देश के चार अलग-अलग दिशाओं में चारधामों की स्थापना की जिनमें बद्रीनाथ, पुरी, द्वारका और रामेश्वरम शामिल हैं।
- अद्वैत वेदांत एक गैर-द्वैतवादी दर्शन है जो यह मानता है कि परम वास्तविकता (ब्रह्म) एकवचन और निराकार है, व्यक्तिगत आत्माएँ (आत्मा) इसके समान हैं, और इस एकता की प्राप्ति के माध्यम से मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त की जाती है।
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