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WHO द्वारा पहले Mpox डायग्नोस्टिक टेस्ट को मंज़ूरी

  • 21 Oct 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी आपातकालीन उपयोग सूची प्रक्रिया के तहत पहली Mpox इन विट्रो डायग्नोस्टिक को सूचीबद्ध किया है।

  • Mpox (जिसे मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है) एक डीएनए वायरस है। इसे पहली बार वर्ष 1958 में बंदरों में पहचाना गया था, लेकिन बाद में इसका संक्रमण मनुष्यों में भी देखा गया।
  • संचरण: यह मुख्यतः पशुओं (विशेषकर कृन्तकों और प्राइमेट्स) से प्रत्यक्ष संपर्क या दूषित वस्तुओं के माध्यम से मनुष्यों में संचारित होता है।
  • लक्षण: बुखार, सिरदर्द, माँसपेशियों में दर्द तथा विशिष्ट प्रकार के फोड़े फुँसियों की समस्या को देखा जाता है।

  • वैश्विक प्रकोप: अगस्त 2024 में WHO ने Mpox प्रकोप को लोक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है, जिससे इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिये समन्वित प्रयास किये गए।

  • आपातकालीन परीक्षण:

    • एबॉट मॉलिक्यूलर इंक द्वारा विकसित एलिनिटी m MPXV एस्से के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी से Mpox का सामना कर रहे देशों में नैदानिक ​​क्षमता को बढ़ाने के क्रम में महत्वपूर्ण सफलता मिलेगी।
    • वर्तमान में भारत भर की 35 प्रयोगशालाएँ Mpox के संदिग्ध मामलों की जाँच करने हेतु समर्पित हैं।

और पढ़ें: WHO ने मंकीपॉक्स को PHEIC घोषित किया

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