प्रारंभिक परीक्षा
WHO और UNICEF द्वारा राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज (WUENIC) का अनुमान
- 18 Jul 2024
- 7 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में जारी किये गए WHO और UNICEF के राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज (WUENIC) के अनुमानों से पता चला है कि वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में बच्चों के टीकाकरण में मामूली गिरावट आई है।
- एक अन्य विकास में U-Win पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पंजीकृत करने के लिये सरकार की पायलट परियोजना के हिस्से के रूप में एक क्विट डिजिटल रेवोलुशन सामने आ रही है।
WUENIC की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय:
- प्रत्येक वर्ष WHO और UNICEF संयुक्त रूप से राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज, अंतिम सर्वेक्षण रिपोर्ट तथा ग्रे साहित्य से प्रकाशित डेटा के संदर्भ में सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों की समीक्षा करते हैं।
- मुख्य निष्कर्ष:
- वर्ष 2023 में वैश्विक स्तर पर टीकाकरण रुक गया, जिससे वर्ष 2019 के महामारी-पूर्व वर्ष (Pre-Pandemic Year) की तुलना में 2.7 मिलियन अतिरिक्त बच्चे या तो बिना टीकाकरण के या कम टीकाकरण वाले रह गए।
- इससे यह पता चलता है कि वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में भारत में बच्चों के टीकाकरण में मामूली गिरावट आई है।
- डिप्थीरिया, कुकुर खाँसी और टेटनस (DPT) वैक्सीन के कवरेज में दो प्रतिशत की गिरावट (वर्ष 2022 में 95% से 2023 में 93% तक) आई, जिसका उपयोग "शून्य-खुराक (Zero-Dose)" बच्चों की संख्या के लिये प्रॉक्सी के रूप में किया जाता है।
- शून्य-खुराक वाले बच्चे वे हैं जिनका नियमित रूप से कोई टीकाकरण नहीं हुआ है।
- यह दर्शाता है कि वर्ष 2023 में भारत में 1.6 मिलियन शून्य खुराक वाले बच्चे होंगे, जो वर्ष 2022 में 1.1 मिलियन से अधिक है, लेकिन वे वर्ष 2021 में अधिसूचित 2.73 मिलियन से बहुत कम है।
- वर्ष 2023 में, 91% ने तीसरी DPT वैक्सीन प्राप्त की, जो वर्ष 2022 से 2% कम है, लेकिन फिर भी वैश्विक औसत 84% से ऊपर है।
- निरपेक्ष रूप से वर्ष 2023 में 2.04 मिलियन बच्चे कम टीकाकरण वाले मिले, जो वर्ष 2019 में 2.11 मिलियन बच्चों की तुलना में थोड़ा कम है।
U-Win क्या है?
- परिचय:
- भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई U-WIN पहल को पायलट चरण में शुरू किया गया है।
- को-विन प्लेटफॉर्म की सफलता के बाद, सरकार ने नियमित टीकाकरण के लिये एक इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री स्थापित की है।
- भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई U-WIN पहल को पायलट चरण में शुरू किया गया है।
- उद्देश्य:
- इस प्लेटफॉर्म का उपयोग प्रत्येक गर्भवती महिला को पंजीकृत करने और उसका टीकाकरण करने, उसके प्रसव के परिणाम को रिकॉर्ड करने, प्रत्येक नवजात शिशु के जन्म को पंजीकृत करने, जन्म के समय खुराक देने तथा उसके बाद सभी टीकाकरण कार्यक्रमों के लिये किया जाएगा।
- U-WIN टीकाकरण सेवाओं, टीकाकरण की स्थिति को अपडेट करने, प्रसव के परिणाम और एंटीजन-वार कवरेज़ जैसी रिपोर्ट आदि के लिये सूचना का एकमात्र स्रोत बनने जा रहा है।
- लाभ:
- स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, कार्यक्रम प्रबंधक बेहतर योजना, टीका वितरण के लिये नियमित टीकाकरण सत्रों और टीकाकरण कवरेज पर वास्तविक समय डेटा उत्पन्न करने में सक्षम होंगे।
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिये, ABHA ID (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) से जुड़े वैक्सीन स्वीकृति व टीकाकरण संबंधी कार्ड तैयार किये जाएंगे और सभी राज्य और ज़िले लाभार्थियों को ट्रैक करने तथा टीकाकरण करने के लिये एक सामान्य डेटाबेस तक पहुँच सकते हैं।
- टीकाकरण कार्यक्रम के पूर्ण डिजिटलीकरण के बाद, लाभार्थियों को तत्काल प्रमाण-पत्र प्राप्त होंगे, जिन्हें डाउनलोड करके डिजी-लॉकर में संग्रहीत भी किया जा सकेगा।
- प्रभावी निगरानी प्रणाली प्रभावी हस्तक्षेपों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिये साक्ष्य आधार बनाने में मदद करेगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन विश्व के देशों को 'ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स' रैंकिंग देता है? (2017) (a) विश्व आर्थिक मंच उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. “कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है”। विश्लेषण कीजिये। (2021) |