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पेरिस ओलंपिक में वज़न-मापन विवाद

  • 09 Aug 2024
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, विनेश फोगाट (भारतीय पहलवान) दूसरी बार वज़न कम करने में विफल रहीं, जिसके कारण वह स्वर्ण पदक मुकाबले में भाग नहीं ले पाईं, जिससे पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने की उनकी संभावना समाप्त हो गई। वज़न-मापन के समय उनका वज़न 100 ग्राम अधिक था।

पेरिस ओलंपिक में वज़न-मापन विवाद क्या है?

  • पृष्ठभूमि: पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम में स्विच करने से पहले वह हाल ही में 53 किलोग्राम वर्ग में भाग ले रही थीं ।
    • फोगाट का सामान्य वज़न लगभग 55-56 किलोग्राम है, जिसे उन्हें प्रतियोगिता के दिनों में कम कर 50 किलोग्राम तक करना पड़ता है।
    • अपने कठोर प्रशिक्षण के कारण, वह पहले से ही बेहद दुबली हैं और उनके शरीर में बहुत कम वसा बचा है।
  • वज़न घटाने के तरीके: एथलीट आमतौर पर विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं-
    • निर्जलीकरण: पानी का सेवन कम करना और पानी का वज़न कम करने के लिये साॅना या स्वेट सूट का उपयोग करना।
    • आहार प्रतिबंध: कैलोरी का सेवन सीमित करना और कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार का सेवन करना।
    • व्यायाम: कैलोरी बर्न करने और तेज़ी से वज़न कम करने के लिये कठोर व्यायाम करना।

पेरिस ओलंपिक 2024 में वज़न-मापन क्या है?

  • वज़न मापने के UWW नियम: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के ओलंपिक वज़न मापने के नियमों के अनुसार, पहलवानों को अपनी प्रतियोगिता की सुबह वज़न मापना होता है।
    • एथलीट को सभी प्रतियोगिता के दिनों में श्रेणी सीमा के बराबर या उससे कम वज़न मापना होता है। ओलंपिक कुश्ती प्रतियोगिताएँ दो दिनों में होती हैं, जिसके लिये दोनों दिनों में वज़न मापना होता है।
    • फोगाट ने पहले दिन वज़न माप लिया, लेकिन दूसरे दिन 50 किलोग्राम की सीमा को पूरा करने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
  • वज़न माप में विफल होने के परिणाम: किसी भी दिन वज़न माप में विफल होने वाले एथलीट अयोग्य घोषित कर दिये जाते हैं और उन्हें बिना रैंक के अंतिम स्थान दिया जाता है, जब तक कि उन्हें पहले दिन चोट ना लगी हो ।
  • चोट अपवाद: पहले दिन घायल हुए एथलीट को दूसरे वज़न माप से छूट प्रदान की जाती है और इस तरह के मामले में संबंधित एथलीट के परिणाम को बरकरार रखा जा सकता है। लेकिन यदि उन्हें पहले  दिन के बाद चोट लगती है तो ऐसे मामले में एथलीट का दूसरे वज़न माप में शामिल होना आवश्यक हो जाता है।
  • ओलंपिक कुश्ती के लिये प्रारूप में बदलाव: वर्ष 2017 से पहले, प्रत्येक भार वर्ग में ओलंपिक कुश्ती प्रतियोगिताएँ एक ही दिन में होती थीं, जिसमें एथलीट केवल एक बार वज़न मापते थे। वर्ष 2017 में UWW ने निष्पक्षता और एथलीट सुरक्षा में सुधार के लिये दो दिवसीय प्रारूप में बदलाव किया, जिसके तहत एथलीट्स को प्रतियोगिता के दोनों दिन अपना वज़न दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया।

पहले दिन वज़न सटीक होने के बाद किसी पहलवान का वज़न किलोग्राम में कैसे बढ़ सकता है?

  • पुनर्जलीकरण और रिकवरी: पहले दिन वज़न करने के बाद, पहलवान तरल पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट्स और कार्बोहाइड्रेट के साथ पुनर्जलीकरण एवं पुनःपूर्ति करते हैं, जिससे खोया हुआ अधिकांश वज़न वापस आ जाता है।
  • वज़न घटाने की अस्थायी प्रकृति: निर्जलीकरण के माध्यम से खोया हुआ वज़न ज्यादातर पानी का वज़न होता है, जो सामान्य जलयोजन और खाने के बाद फिर से प्राप्त हो जाता है, जिससे दूसरे दिन वज़न बढ़ जाता है।
  • प्रदर्शन पर प्रभाव: हालाँकि पुनर्जलीकरण ऊर्जा को बहाल करता है लेकिन वज़न में तीव्रता से होने वाला परिवर्तन प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। यदि इसे सही तरीके से प्रबंधित नहीं किया जाता तो थकान, ऐंठन और कम सहनशीलता जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • रणनीतिक लाभ: कुछ पहलवान प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करने के लिये वज़न में कटौती करते हैं और प्रतियोगिता के दिन अधिक वज़न बढा लेते है जिससे कम वज़न वाले प्रतिद्वंदियों के खिलाफ शक्ति और बढ़ जाती है।

नोट: 

  • पेरिस ओलंपिक में, स्वप्निल कुसाले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
  • भारत की पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को हराकर काँस्य पदक जीता और नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक- 2024 में भाला फेंक में रजत पदक जीता।

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