कोविड-19 के लिये अपशिष्ट जल निगरानी | 21 Jul 2022

हाल ही में हैदराबाद और बंगलूरु में एक अध्ययन किया गया है ताकि वायरस के बारे में जानकारी एकत्र करने के एक कुशल और आसान तरीके के रूप में कोविड -19 के लिये अपशिष्ट जल आधारित निगरानी की जाँच की जा सके।

अध्ययन के बारे में:

  • इस अध्ययन का उद्देश्य एक ऐसा प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रिया को विकसित करना था, जिसे शोधकर्त्ता ऐसे उद्योगों को  सौंप सकें जो सेवा प्रदाताओं के रूप में कार्य कर करें।
  • हैदराबाद में अध्ययन लगभग एक वर्ष की अवधि तक किया गया था और लगभग 2.5 लाख की आबादी का डेटा प्राप्त किया था।
    • शोधकर्त्तां ने नालों के अनुपचारित जल में वायरल घनत्व में अस्थायी गतिशीलता का पता लगाया, जो जुलाई से नवंबर 2020 तक लगातार अपने उच्च स्तर पर था।
    • फरवरी 2021 में कोविड-19 के मामलों में मामूली वृद्धि ने दूसरी लहर का संकेत दिया था, जिसकी शुरुआत मार्च 2021 में हुई थी।
    • नालों से एकत्र किये गए नमूने:
      • अवलोकन के बाद शोधकर्त्ताओं ने पाया कि अधिकांश विषाणु मल के नमूनों से आते हैं
  • इस समूह ने बंगलुरु में अपशिष्ट जल के नमूनों का भी अध्ययन किया है।
    • इन्होंने शहर भर में लगे 28 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) से पानी का नमूना लिया।
      • एक STP में अपशिष्ट जल को एकत्र किया जाता है, उसे उपचारित किया जाता है और फिर बाहर निष्कासित कर दिया जाता है। इसलिये उपचार से पहले इसके नमूने एकत्र किये जाते हैं।

अपशिष्ट जल की निगरानी के लाभ:

  • वायरल लोड के बढ़ने या घटने के रुझान का अंदाजा पहले ही लगाया जा सकता है।
  • किसी एक व्यक्ति के नमूने पर RT-PCR में (जहाँ परीक्षण परिणाम जल्दी आ सकता है) नमूने का अनुक्रम विश्लेषण करने में कुछ सप्ताह लगते हैं।
    • अपशिष्ट जल निगरानी में हजारों लोगों के वायरस योगदान को अनुक्रमण कर रहे हैं।
  • डेंगू, जीका या टीबी का कारण बनने वाले अलग-अलग वायरस के रूप में नए रूपों को पहले से ही देखा जा सकता है।
    • इससे स्वास्थ्य विभाग को महामारी से निपटने के लिये तैयार रहने में मदद मिलेगी।
      • अध्ययन रोगाणुरोधी प्रतिरोध जीन की निगरानी कर सकते हैं और नागरिक अधिकारियों को बता सकते हैं कि कौन से एंटीबायोटिक्स विफल हो रहे हैं।
  • अन्य प्रकार के कोविड-19 निगरानी के विपरीत अपशिष्ट जल निगरानी उन लोगों पर निर्भर नहीं करती है जिनके पास स्वास्थ्य देखभाल जैसे- बीमार होने पर स्वास्थ्य देखभाल की मांग करने वाले लोग, या कोविड-19 परीक्षण तक की पहुँच है।

स्रोत: द हिंदू