विक्रम साराभाई की 52वीं पुण्यतिथि | 02 Jan 2025
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
प्रतिवर्ष 30 दिसंबर को विक्रम साराभाई की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है।
- विक्रम अंबालाल साराभाई एक भारतीय भौतिक विज्ञानी और उद्योगपति थे जिन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान की शुरुआत की और भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास में सहयोग किया।
विक्रम साराभाई का योगदान क्या है?
- प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
- 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद, गुजरात में एक संपन्न जैन परिवार में जन्मे साराभाई अंबालाल और सरला देवी की आठ संतानों में से एक थे।
- उन्होंने प्रारंभ से ही रचनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया तथा 15 वर्ष की उम्र में रेल इंजन का एक कार्यशील मॉडल बनाया जो अब अहमदाबाद के सामुदायिक विज्ञान केंद्र (CSC) में संरक्षित है।
- उन्होंने सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्ब्रिज (1940) से प्राकृतिक विज्ञान में अपनी ट्रिपोज़ (स्नातक डिग्री) पूरी की।
- वे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत लौट आये और भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलूरू में डॉ. सी.वी. रमन के अधीन कॉस्मिक किरणों पर शोध किया।
- उन्हें कॉस्मिक किरणों पर अपने शोध प्रबंध के लिये वर्ष 1947 में कैम्ब्रिज से PhD की उपाधि प्रदान की गई।
- संस्थागत विरासत: डॉ. साराभाई ने कई संस्थानों की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई है जो भारत के वैज्ञानिक और औद्योगिक परिदृश्य को आकार देने में महत्त्वपूर्ण रही हैं जैसे:
- भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL), अहमदाबाद: वर्ष 1947 में स्थापित, PRL के साथ ही संस्थाओं के निर्माण की दिशा में साराभाई की यात्रा की शुरुआत हुई।
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), अहमदाबाद: इसके निर्माण में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
- सामुदायिक विज्ञान केंद्र, अहमदाबाद: इसे विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1966 में स्थापित किया गया।
- दर्पण एकेडमी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स, अहमदाबाद: इसे इन्होंने अपनी पत्नी मृणालिनी स्वामीनाथन के साथ मिलकर स्थापित किया।
- विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), तिरुवनंतपुरम: यह भारत के अंतरिक्ष अभियानों का केंद्र है।
- अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, अहमदाबाद: छह संस्थानों के विलय से इसका गठन किया गया।
- इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL), हैदराबाद।
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यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (UCIL), जादुगुड़ा, बिहार।
- भारतीय अंतरिक्ष और परमाणु कार्यक्रमों में योगदान:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO): उन्होंने सामाजिक विकास के लिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्त्व पर बल देते हुए ISRO की स्थापना में भूमिका निभाई।
- भारत की विकासात्मक चुनौतियों से निपटने के लिये उपग्रह अनुप्रयोगों को महत्त्व दिया।
- सैटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविज़न एक्सपेरीमेंट (SITE): NASA के साथ मिलकर तैयार किये गए SITE से ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण होने के साथ दूरदर्शन के कृषि दर्शन जैसे कार्यक्रमों का आधार तैयार हुआ।
- आर्यभट्ट उपग्रह: इनके नेतृत्व में भारत के पहले उपग्रह, आर्यभट्ट का निर्माण आरंभ किया गया, जिसे वर्ष 1975 में रूसी कॉस्मोड्रोम से प्रक्षेपित किया गया।
- परमाणु ऊर्जा आयोग: होमी भाभा की मृत्यु के बाद यह इसके अध्यक्ष बने तथा परमाणु विज्ञान को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाई।
- पुरस्कार और सम्मान:
- पुरस्कार:
- प्रतिष्ठित पद:
- भारतीय विज्ञान काॅन्ग्रेस के भौतिकी अनुभाग के अध्यक्ष (1962)
- अध्यक्ष, IAEA का महासम्मेलन, वियना (1970)
- परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर चौथे संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के उपाध्यक्ष (1971)
- शीर्षक: भारतीय विज्ञान के महात्मा गांधी (पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा )।
- विरासत:
- विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) का नाम उनके सम्मान में रखा गया।
- एक चंद्र क्रेटर, “साराभाई क्रेटर” का नाम उनके नाम पर रखा गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016) इसरो द्वारा प्रक्षेपित मंगलयान
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल उत्तर: (c) प्रश्न. 'ग्रीज्ड लाइटनिंग-10 (GL-10)' जिसका हाल ही में समाचारों में उल्लेख हुआ, क्या है?(2016) (a) NSG द्वारा परीक्षित विद्युत विमान उत्तर: (a) |