राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय | 25 Oct 2023

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल ही में भारत द्वारा राजनयिक प्रोटोकॉल के कथित उल्लंघन के संबंध में कनाडाई विदेश मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों की प्रतिक्रिया के रूप में भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत की कार्रवाई राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय के अनुच्छेद 11.1 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुरूप है।

राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय:

  • परिचय: 
    • राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय (वर्ष 1961) की स्थापना मौलिक सिद्धांतों और शर्तों को परिभाषित करने के लिये की गई है जो यह नियंत्रित करते हैं कि देशों को एक-दूसरे के राजनयिक प्रतिनिधियों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये।
      • इसे 14 अप्रैल, 1961 को ऑस्ट्रिया के वियना में न्यू हॉफबर्ग में आयोजित राजनयिक समागम और प्रतिरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा अभिसमय को स्वीकृत किया गया था।
    • इसका उद्देश्य राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना और प्रभावी संचार एवं समन्वय बनाए रखना है।
    • आज विश्व के 193 देशों ने इस अभिसमय का अनुमोदन किया है।
      • भारत ने राजनयिक संबंध (वियना अभिसमय) अधिनियम, 1972 के माध्यम से इसकी पुष्टि की।
  • प्रमुख प्रावधान:
    • अधिनियम का एक प्रमुख सिद्धांत राजनयिक प्रतिरक्षा है। यह राजनयिकों को उस मेज़बान देश में कुछ कानूनों और करों से छूट देता है जहाँ वे तैनात हैं। यह सुनिश्चित करता है कि राजनयिक बिना किसी डर या धमकी के अपने कर्त्तव्यों को पूरा करें।
      • इस अभिसमय के अनुच्छेद 29 के अनुसार, राजनयिकों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। मेज़बान देश को राजनयिक अभिकर्त्ता के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना आवश्यक है तथा यह राजनयिक के व्यक्तित्त्व, स्वतंत्रता या गरिमा को किसी भी प्रकार के नुकसान या उल्लंघन से रोकने हेतू सभी आवश्यक उपाय करने के लिये ज़िम्मेदार है।
    • इस अभिसमय का अनुच्छेद 11.1 मेज़बान देश को मौजूदा परिस्थितियों के साथ-साथ विशेष राजनयिक मिशन की अनूठी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, विदेशी राजनयिक मिशन के आकार पर न्यायी एवं उचित सीमाएँ बनाने का अधिकार देता है।
    • अभिसमय का अनुच्छेद 9 प्राप्तकर्त्ता राज्य को स्पष्टीकरण की आवश्यकता के बिना मिशन के प्रमुख या राजनयिक स्टाफ के किसी भी सदस्य को अवांछित या अप्रिय घोषित करने की अनुमति देता है तथा यह अधिसूचना किसी भी समय की जा सकती है।