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विषैली जेलीफिश

  • 15 Apr 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में विशाखापत्तनम तट पर विषैली जेलीफिश के उत्पन्न होने की सूचना मिली है।

  • पेलागिया नोक्टिलुका, जिसे माउव स्टिंगर या बैंगनी-धारीदार जेलीफिश के रूप में भी जाना जाता है, का डंक दर्दनाक होता है और दस्त, अत्यधिक दर्द, उल्टी व एनाफिलेक्टिक सदमे जैसी विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है तथा इससे जीवन के लिये खतरा हो सकता है।
  • यह एक बैंगनी रंग की पारभासी प्रजाति है जो तैरते हुए गुब्बारे के समान होती है।
  • यह विश्व भर में उष्णकटिबंधीय और गर्म तापमान वाले समुद्रों में पाया जाता है।
  • अन्य जेलीफिश प्रजातियों के विपरीत, इसके डंक न केवल टेंटेकल्स पर होते हैं, बल्कि शरीर के घंटीनुमा भाग पर भी होते हैं।
  • ये बायोलुमिनसेंट हैं, जिनमें अंधेरे में रोशनी उत्पन्न करने की क्षमता है।
  • जेलिफिश की उत्पत्ति तब होती है जब प्रजातियों की आबादी थोड़े समय के भीतर नाटकीय रूप से बढ़ जाती है, आमतौर पर उच्च प्रजनन दर के कारण। यह अक्सर समुद्र के बढ़ते तापमान के परिणामस्वरूप होता है।
  • अतीत में यह ज्ञात हुआ है कि इनसे मछली पकड़ने के उद्योग को बड़े पैमाने पर क्षति पहुँची है और पर्यटन पर भी प्रभाव पड़ा है।

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