उत्तराखंड का नकल विरोधी कानून | 15 Feb 2023
देहरादून में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और घोटालों को लेकर 11 फरवरी, 2023 को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया।
- अगले दिन उत्तराखंड के राज्यपाल ने परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने हेतु उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों के नियंत्रण और रोकथाम उपाय) अध्यादेश, 2023 को अपनी सहमति दे दी।
उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून संबंधी प्रावधान:
- इस अध्यादेश में दोषियों हेतु 10 करोड़ रुपए तक का ज़ुर्माना और आजीवन कारावास का प्रावधान है।
- इस विनियमन का उद्देश्य परीक्षा की अखंडता को बाधित करने, अनुचित तरीकों का उपयोग करने, प्रश्नपत्रों का खुलासा करने और अन्य अनियमितताओं से जुड़े अपराधों को रोकना है।
- इसमें राज्य सरकार, सरकार द्वारा संचालित स्वायत्त निकायों और राज्य सरकार के अनुदान से संचालित प्राधिकरणों, निगमों तथा संस्थानों के तहत विभिन्न पदों पर भर्ती के लिये सार्वजनिक परीक्षाएँ शामिल हैं।
- ये अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनीय हैं। इस कानून से भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं को रोकने के साथ ही यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि परीक्षाएँ पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से आयोजित हों।
परीक्षा में अनुचित तरीकों के उपयोग से संबंधित अन्य बढ़ती चिंताएँ:
- नकल के लिये प्रौद्योगिकी का बढ़ता उपयोग भी चिंता का एक विषय है, जिसमें प्रतिरूपण, हैकिंग और परीक्षा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के मामले आते हैं।
- इस संदर्भ में जेनरेटिव AI (कृत्रिम बुद्धि) के उपयोग ने नकली पहचान पत्र, चित्र और यहाँ तक कि लिखित सामग्री के निर्माण की इसकी क्षमता के बारे में भी चिंताओं को उठाया है जिसका उपयोग धोखाधड़ी हेतु किया जा सकता है।
- जनरेटिव AI एक ऐसी तकनीक है, यह नई सामग्री बनाने के लिये एल्गोरिदम का उपयोग करती है, जो मानव-जनित सामग्री, जैसे कि छवियों, पाठ और यहाँ तक कि ध्वनि की नकल करती है।
- जबकि इस तकनीक के कई वैध उपयोग भी हैं, इसका दुरुपयोग नकली पहचान सामग्री बनाने के लिये भी किया जा सकता है जिसका उपयोग धोखाधड़ी हेतु किया जाता है।
- इसलिये प्रौद्योगिकी प्रगति के रूप में अधिकारियों और सरकारों हेतु यह महत्त्वपूर्ण है कि वे नवीनतम विकास के साथ चलें तथा इसके दुरुपयोग को रोकने के उपायों को लागू करें।
- इसमें परीक्षा एवं अन्य संदर्भों में अनुचित साधनों के उपयोग का पता लगाने तथा रोकने के लिये नई प्रौद्योगिकियों एवं प्रशिक्षित कर्मियों में निवेश करना शामिल है।