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यूएस स्टार्ट-अप सेतु

  • 09 Sep 2022
  • 6 min read

हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को की खाड़ी क्षेत्र में रूपांतरण और कौशल संवर्द्धन कार्यक्रम में यूएस स्टार्टअप सेतु सहायक उद्यमियों का शुभारंभ किया।

स्टार्टअप

  • परिचय:
    • स्टार्टअप शब्द एक कंपनी के संचालन के पहले चरण को संदर्भित करता है। स्टार्टअप एक या एक से अधिक उद्यमियों द्वारा स्थापित किये जाते हैं जो एक ऐसे उत्पाद या सेवा का विकास करना चाहते हैं जिसकी बाज़ार में मांग है।
    • ये कंपनियाँ आमतौर पर उच्च लागत और सीमित राजस्व के साथ शुरू होती हैं, यही वजह है कि वे उद्यम पूंजीपतियों जैसे विभिन्न स्रोतों से पूंजी की मांग करती हैं।
  • भारत में स्टार्टअप्स की वृद्धि :
    • उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने स्टार्टअप को मान्यता दी है जो 56 विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं।
    • इस दिशा में निरंतर सरकारी प्रयासों के परिणामस्वरूप मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या वर्ष 2016 के 471 से बढ़कर वर्ष 2022 में 72,993 हो गई है।

स्टार्टअप सेतु:

  • परिचय:
    • SETU या परिवर्तन और कौशल में सहायक उद्यमी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत भारत सरकार की पहल है।
    • यह पहल भारत में स्टार्ट-अप को संयुक्त राज्य अमेरिका-आधारित निवेशकों और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के अभिकर्त्ताओं को वित्त पोषण, बाज़ार पहुँच और व्यावसायीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श एवं सहायता के साथ जोड़ेगी।
  • महत्त्व:
    • भारत में उद्यमिता और सन राइजिंग स्टार्टअप में निवेश करने के इच्छुक अमेरिकी कंपनियों के मध्य भौगोलिक बाधाओं को कम करना।
    • स्टार्टअप इंडिया पहल मेंटरशिप, एडवाइजरी, असिस्टेंस, रेजिलिएशन और ग्रोथ (Mentorship, Advisory, Assistance, Resilience, and Growth MAARG) कार्यक्रम के तहत मेंटरशिप पोर्टल के माध्यम से इस क्षेत्र का समर्थन किया जाएगा, जो भारत में स्टार्टअप्स के लिये सिंगल-स्टॉप समाधान खोजकर्त्ता है।
      • पोर्टल को इस विचार के साथ विकसित किया गया है कि यह देश के हर कोने से एक संरक्षक से जुड़ने के लिये पहुँच योग्य हो।
  • आवश्यकता:
    • यह अनुमान है कि लगभग 90% स्टार्ट-अप और आधे से अधिक अच्छी तरह से वित्त पोषित स्टार्टअप अपने शुरुआती दिनों में विफल हो जाते हैं। व्यवसाय को संभालने में अनुभव की कमी एक प्रमुख समस्या है तथा संस्थापकों को निर्णय लेने और नैतिक समर्थन के लिये सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
    • जैसा कि भारत एक अग्रणी स्टार्ट-अप गंतव्य बन गया है, सही समय पर उचित मार्गदर्शन सर्वोपरि है।
    • इसके अलावा, भारत सरकार एक स्टार्टअप की यात्रा में प्रोत्साहित कर राष्ट्र के विकास में योगदान के लिये दिग्गजों, अनुभवी विशेषज्ञों और उद्योग जगत के लोगों को आमंत्रित करती है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. उद्यम पूंजी से क्या तात्पर्य है? (2014)

(a) उद्योगों को उपलब्ध कराई गई अल्पकालीन पूंजी
(b) नए उद्यमियों को उपलब्ध कराई गई दीर्घकालीन प्रारंभिक पूंजी
(c) उद्योगों को हानि उठाते समय उपलब्ध कराई गई निधियाँ
(d) उद्योगों के प्रतिस्थापन एवं नवीकरण के लिये उपलब्ध कराई गई निधियाँ

 उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • जोखिम पूंजी एक नए या बढ़ते व्यवसाय को निधि प्रदान करती है। आमतौर पर यह जोखिम पूंजी उद्योगों द्वारा प्रदान की जाती है, जो उच्च जोखिम वाले वित्तीय पोर्टफोलियो से संबंधित होती है।
  • जोखिम पूंजी वाले उद्योग किसी भी स्टार्टअप में इक्विटी के बदले स्टार्टअप कंपनी को निधि प्रदान करते हैं।
  • जो निवेशक पूंजी का निवेश करते हैं उन्हें उद्यम पूंजीवादी (VC) कहा जाता है। उद्यम पूंजी निवेश को उद्यम पूंजी या बीमारू उद्यम पूंजी के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें उद्यम के सफल न होने पर हानि का जोखिम भी शामिल होता है, साथ ही निवेश के प्रतिफल की प्राप्ति में मध्यम से लंबी अवधि का समय भी लग सकता है।
  • अतः विकल्प b सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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