लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

जीरा की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि

  • 22 Jun 2023
  • 3 min read

पिछले कुछ महीनों में जीरा की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

  • मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण जीरा की आपूर्ति और इसकी मांग के बीच अत्यधिक असंतुलन है। बाज़ार में जीरा की आवक मांग की तुलना में काफी कम है जिससे इस मसाले की कमी देखी जा रही है।

जीरा से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • परिचय: 
    • जीरा एक सुगंधित मसाला है जो भारतीय व्यंजनों का स्वाद बढ़ा देता है। यह महत्त्वपूर्ण मसालों में से एक है जिसका व्यापक रूप से पाक कला के साथ-साथ औषधीय प्रयोजनों के लिये उपयोग किया जाता है।
      • ऐसा माना जाता है कि भारत में जीरा की उत्पत्ति भूमध्य सागर से हुई है। जीरा के बारे में मिस्रवासी 5,000 साल पहले जानते थे और यह पिरामिडों में पाया जाता था।
  • महत्त्व: 
    • इस पौधे का आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण भाग इसका सूखा बीज है। इसका उपयोग विभिन्न संस्कृतियों के विभिन्न व्यंजनों में मसाले के रूप में या तो साबुत या पाउडर के रूप में किया जाता है।
    • जीरे के तेल में जीवाणुरोधी गतिविधि होने की सूचना है। इसका उपयोग पशु चिकित्सा दवाओं और विभिन्न अन्य उद्योगों में किया जाता है।

  • जलवायु और खेती:
    • जीरा उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय दोनों जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ता है और यह सभी प्रकार की मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। 
    • जीरा की खेती मौसम की स्थिति के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। इसके लिये नमी रहित मध्यम ठंडी और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है, इसी कारण इसकी खेती गुजरात तथा राजस्थान के विशिष्ट क्षेत्रों तक सीमित है।
      • जीरा की खेती वाले क्षेत्र के तौर पर गुजरात में स्थित उंझा, इसकी फसल की कीमतें निर्धारित करने वाले प्राथमिक बाज़ार के रूप में उभर कर सामने आया है।
      • गुजरात, देश में प्रमुख जीरा उत्पादक राज्य है।
    • यह एक रबी फसल है, जिसकी बुवाई अक्तूबर से नवंबर तक की जाती है और इसकी कटाई फरवरी और मार्च में की जाती है।
  • प्रमुख उत्पादक: 
    • कुल उत्पादन में लगभग 70% भागीदारी के साथ भारत विश्व भर में जीरे का सबसे बड़ा उत्पादक है।
    • सीरिया, तुर्किये, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान जैसे अन्य देश शेष 30% का उत्पादन करते हैं।
      • इन देशों में गृहयुद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के कारण उत्पादन में आई रुकावटों ने एक प्रमुख उत्पादक के रूप में भारत के महत्त्व को उजागर किया है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2