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अल्ट्राथिन हेटेरोप्रोटीन फिल्म

  • 16 Jun 2022
  • 5 min read

हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा उत्कृष्ट थर्मल, मैकेनिकल और पीएच स्थिरता के साथ अल्ट्रा-थिन हेट्रो हेटो प्रोटीन फिल्में (Ultra-Thin Hetero Protein films) विकसित की गई हैं जो बायोमेडिकल और खाद्य पैकेज़िग उद्योगों में पतली फिल्मों के अनुप्रयोगों के विस्तार का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं। 

  • इसमें दो गोलाकार प्रोटीन (Globular proteins) बोवाइन सीरम एल्ब्यूमिन (Bovine Serum Albumin- BSA) और लाइसोजाइम (Lysozyme- Lys) होते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा लैंगमुइर-ब्लॉडगेट (LB) तकनीक का उपयोग करने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जो नैनोमीटर के क्रम में फिल्मों को मोटाई प्रदान करती है। 
  • ग्लोलोबुलर या स्फेरोप्रोटीन गोलाकार प्रोटीन होते हैं और सामान्य प्रोटीन प्रकारों में से एक होते हैं। रेशेदार या झिल्लीदार प्रोटीन के विपरीत गोलाकार प्रोटीन कुछ हद तक पानी में घुलनशील होते हैं। 

अल्ट्राथिन हेट्रो प्रोटीन फिल्म के  लाभ: 

  • अन्य प्रोटीन या प्लास्टिक फिल्मों की तुलना में यह अधिक पतली है। 
  • ये  मुलायम और पतले होते हैं और अन्य फिल्मों की तुलना में अधिक लचीले होने का फायदा है। 
  • हाल के दिनों में विभिन्न शोध समूहों द्वारा उपयुक्त हेट्रो प्रोटीन की मदद से इन प्रोटीन फिल्मों के कई संशोधनों की सूचना दी गई थी। इन परिसरों को आमतौर पर थोक समाधानों से विकसित किया गया था। 
  • बीएसए और एलआईएस की फिल्में पतली फिल्म प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने अनुप्रयोगों के विस्तार के लिये विभिन्न प्रोटीन परिसरों की अत्यधिक स्थिर जैव विघटनीय पतली फिल्मों के निर्माण के लिये उपयोगी हो सकती हैं। 
  • इस प्रोटीन कॉम्प्लेक्स में पैरामीटर परिवर्तन या विभिन्न फैटी एसिड या पॉलीओल मोएट (ग्लिसरॉल, स्टार्च, जिलेटिन आदि) का समावेश जैसे विविध भौतिक-रासायनिक तरीके फिल्म को विविध अनुप्रयोगों के लिये मुक्त बना सकते हैं। 

प्रोटीन 

  • परिचय: 
    • प्रोटीन विभिन्न समूहों में व्यवस्थित अमीनो एसिड से बने होते हैं। ये मौलिक अमीनो एसिड अनुक्रम विशिष्ट हैं और इसकी व्यवस्था डीएनए द्वारा नियंत्रित होती है। 
    • प्रोटीन अणु दो प्रकार के होते हैं, रेशेदार प्रोटीन और गोलाकार प्रोटीन। 
      • रेशेदार प्रोटीन अघुलनशील और लंबी होती हैं। 
      • गोलाकार प्रोटीन घुलनशील और कॉम्पैक्ट होते हैं। 
  • कार्य:  
    • एंजाइम: एंजाइम ज़्यादातर सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं को पूरा करते हैं जो एक कोशिका के भीतर होती हैं। वे DNA अणुओं को पुन: उत्पन्न करने और बनाने एवं जटिल प्रक्रियाओं को पूरा करने में भी मदद करते हैं। 
    • हार्मोन: प्रोटीन विभिन्न प्रकार के हार्मोन के निर्माण करते हैं जो शरीर के घटकों को संतुलित करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिये इंसुलिन जैसे हार्मोन, जो रक्त शर्करा और स्रावी को विनियमित करने में मदद करते हैं। यह पाचन प्रक्रिया और पाचक रसों के निर्माण में भी शामिल है। 
    • एंटीबॉडी: एंटीबॉडी को इम्युनोग्लोबुलिन के रूप में भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का प्रोटीन है जिसका मुख्य रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बाहरी बैक्टीरिया से शरीर की मरम्मत और उपचार के लिये उपयोग किया जाता है। वे अक्सर अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं के साथ मिलकर एंटीजन की पहचान करने और उन्हें तब तक बढ़ने से रोकते हैं जब तक कि श्वेत रक्त कोशिकाएंँ उन्हें पूरी तरह से नष्ट नहीं कर देतीं। 
    • ऊर्जा: प्रोटीन ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है जो हमारे शरीर की गतिविधियों में मदद करता है। प्रोटीन को ऊर्जा में बदलने के लिये उसका सही मात्रा में होना जरूरी है। प्रोटीन, जब अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो वसा बनाने की आदत हो जाती है और वसा कोशिकाओं का हिस्सा बन जाता है। 

स्रोत: पी.आई.बी. 

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