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अति-संरक्षित तत्त्व

  • 01 Mar 2025
  • 5 min read

स्रोत: द हिंदू

एक अध्ययन किया गया जिसके अनुसार Tra2b (ट्रांसफॉर्मर-2 बीटा) जीन में अति-संरक्षित तत्त्व (Ultra-Conserved Element- UCE) प्रोटीन के स्तर को नियंत्रित कर जनन अक्षमता का निवारण करने में अपनी भूमिका के कारण 80 मिलियन वर्षों से अपरिवर्तित बने हुए हैं।

अति-संरक्षित तत्त्वों पर अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?

  • अध्ययन के निष्कर्ष: चूहे के वृषण में UCE को हटाने से Tra2β प्रोटीन की अधिकता, शुक्राणु कोशिका मरण और जनन अक्षमता की समस्या उत्पन्न हुई।
    • Tra2b जीन में UCE एक विष एक्सॉन के रूप में कार्य कर Tra2β प्रोटीन उत्पादन को नियंत्रित करता है। 
      • Tra2β प्रोटीन का स्तर अत्यधिक होने पर UCE द्वारा जीन के RNA में एक अतिरिक्त एक्सॉन का उत्प्रेरण होता है, जिससे एक स्टॉप कोडॉन उत्पन्न होता है, जिससे प्रोटीन का संश्लेषण बाधित होता है तथा अतिउत्पादन का निवारण होता है।
    • UCE के प्रोटीन-सीमाकारी कार्य को बाधित करने वाले उत्परिवर्तन जनन अक्षमता का कारण बनते हैं, जिससे वंशानुक्रम बाधित होता है। इस प्रकार प्राकृतिक वरण के माध्यम से लाखों वर्षों से प्रजातियों में UCE का संरक्षण बना हुआ है।
  • अति-संरक्षित तत्त्व: UCE लगभग 200 आधार-युग्मों के डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) अनुक्रम हैं, जो 80 मिलियन वर्ष या उससे अधिक समय से कई प्रजातियों में पूर्ण रूप से अपरिवर्तित रहे हैं।
    • ये अनुक्रम मनुष्यों, चूहों, मुर्गियों और मछलियों में भी पाए जाते हैं, जो उनके क्रांतिक जैविक महत्त्व को दर्शाते हैं।
      • मानव जीनोम (कोशिका में पाए जाने वाले DNA निर्देशों का संपूर्ण समुच्चय) में लगभग 500 UCE होते हैं।
    • UCE के अभिलक्षण: UCE विविध प्रजातियों में लगभग समान DNA अनुक्रम प्रदर्शित करते हैं, यहाँ तक ​​कि उनमें भी जो वैकासिक दृष्टि से अत्यंत भिन्न हैं।
    • UCE के कार्य: वे आमतौर पर प्रोटीन के लिये कोड नहीं करते हैं, लेकिन जीन विनियमन में शामिल होते हैं।

DNA से प्रोटीन रूपांतरण

  • DNA संरचना: DNA द्विकुंडलिनी (Double-Helix) अणु है, जिसमें प्रत्येक स्ट्रैंड चार बेस से मिलकर बना होता है जो युग्म के रूप में स्ट्रैंड को एक साथ बनाए रखते हैं।
  • जीन: जीन DNA का एक लघु खंड है, जिसकी लंबाई प्रायः कुछ हज़ार बेस-युग्म में होती है, जिसमें प्रोटीन निर्माण के निर्देश होते हैं।
  • अनुलेखन: जब एक जीन व्यक्त होता है (जीन में कोडित सूचना का प्रकार्य में परिवर्तन हो जाता है), तो कोशिका अपने DNA अनुक्रम का दूत अथवा मैसेंजर RNA (MRNA) में प्रतिलेखन करती है।
    • राइबोसोम, mRNA अनुक्रम से सूचना प्राप्त करते हैं और प्रोटीन निर्माण हेतु अमीनो एसिड का समुच्चयन करते हैं (प्रोटीन संश्लेषण) यह प्रक्रिया स्टॉप कोडन पर रुक जाती है, जो प्रोटीन संश्लेषण के पूरा होने का संकेत देता है।

DNA_to_Protein

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. प्राय: समाचारों में आने वाला Cas9 प्रोटीन क्या है? (2019)

(a) लक्ष्य-साधित जीन संपादन (टारगेटेड जीन एडिटिंग) में प्रयुक्त आण्विक कैंची।
(b) रोगियों में रोगजनकों की ठीक-ठीक पहचान के लिये प्रयुक्त जैव संवेदक।
(c) एक जीन जो पादपों को पीड़क-प्रतिरोधी बनाता है।
(d) आनुवंशिकत: रूपांतरित फसलों में संश्लेषित होने वाला एक शाकनाशी पदार्थ।

उत्तर: (a)

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