सत्य और सुलह आयोग | 14 Dec 2023

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति से वर्ष 2019 में केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखा एवं जम्मू और कश्मीर में राज्य तथा गैर-राज्य दोनों अभिनेताओं द्वारा मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को देखने के लिये एक सत्य और सुलह आयोग (TRC) स्थापित करने की भी सिफारिश की।

सत्य एवं सुलह आयोग (Truth and Reconciliation Commission- TRC) क्या है?

  • परिचय: 
    • सत्य और सुलह आयोग जिसे ‘सत्य और न्याय आयोग’ या ‘सत्य आयोग’ के रूप में भी जाना जाता है, यह एक सरकारी तंत्र है जो न केवल स्वीकार करता है, बल्कि सरकार या कभी-कभी गैर-राज्य अभिनेताओं द्वारा किये गए गलत कार्यों को भी प्रकट करता है।
  • उद्देश्य: 
    • सत्य आयोग वह है जो चल रही घटनाओं के बजाय अतीत पर केंद्रित है।
    • यह एक समयावधि में घटित घटनाओं के प्रतिरूप की जाँच करता है।
    • आयोग प्रत्यक्ष और व्यापक रूप से प्रभावित आबादी से जुड़ता है तथा उनके अनुभवों के बारे में जानकारी एकत्र करता है;
    • यह एक अस्थायी निकाय है, जिसका उद्देश्य अंतिम रिपोर्ट के साथ निष्कर्ष निकालना है।
    • आयोग समीक्षाधीन राज्य द्वारा आधिकारिक तौर पर अधिकृत या सशक्त है।

TRC की स्थापना करने वाले देश:

  • दो सबसे प्रसिद्ध और सबसे परिणामी आयोग दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में स्थापित माने जाते हैं।
  • भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका तथा नेपाल द्वारा सत्य आयोग स्थापित किये गए हैं।
  • दक्षिण अफ्रीका में वर्षों से चली आ रही रंगभेद की कुप्रथा के दौरान हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन की सत्यता को उजागर करने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की सरकार द्वारा एक TRC की स्थापना की गई।

अनुच्छेद 370

  • भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था, जो भारत, पाकिस्तान व चीन के बीच एक विवादित क्षेत्र है।
  • इसका प्रारूप भारत की संविधान सभा के सदस्य एन. गोपालस्वामी अयंगर द्वारा तैयार किया गया था तथा वर्ष 1949 में इसे ‘अस्थायी उपबंध’ के रूप में संविधान में शामिल किया गया था।
  • इसने राज्य को रक्षा, विदेशी मामलों एवं संचार के अतिरिक्त अधिकांश मामलों पर अपना संविधान, ध्वज व स्वायत्तता बनाए रखने की अनुमति दी।
  • यह विलय पत्र (इंस्‍ट्रूमेंट ऑफ एक्‍सेशन) की शर्तों पर आधारित था, जिस पर वर्ष 1947 में पाकिस्तान के आक्रमण के बाद भारत में शामिल होने के लिये जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह ने हस्ताक्षर किये थे।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370, जिसके साथ हाशिया नोट “जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध” लगा हुआ है, किस सीमा तक अस्थायी है? भारतीय राज-व्यवस्था के संदर्भ में इस उपबंध की भावी संभावनाओं पर चर्चा कीजिये। (2016)