भारत के संविधान का ओल चिकी लिपि में अनुवाद | 21 Mar 2022
भारत के संविधान का पहली बार ओल चिकी लिपि (Ol Chiki Script) में अनुवाद किया गया है।
- ओल चिकी लिपि (Ol Chiki Script) जिसे ओल चेमेट (Ol Chemet), ओल सिकी (Ol Ciki), ओल (Ol) और कभी-कभी संथाली वर्णमाला के रूप में भी जाना जाता है, संथाली के लिये आधिकारिक लेखन प्रणाली तथा भारत में एक आधिकारिक क्षेत्रीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा है।
मान्यता का महत्त्व:
- भारत के संविधान में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के विकास हेतु विशेष प्रावधान हैं तथा अनुवाद हेम्ब्रम (Hembram), पाठकों के लिये कानूनों, शक्तियों और समुदाय के मौलिक अधिकारों की गहरी समझ प्रदान करने में उपयोगी रहा है। (हेम्ब्रम एक उपनाम है जो आमतौर पर संथाल आदिवासियों के बीच प्रयोग किया जाता है)।
- आदिवासी विद्वान अक्सर संविधान की अनुसूचियों V और VI के तहत अनुच्छेद 21 की ओर इशारा करते हुए आदिवासी लोगों के विकास के लिये इनके अधिकारों की स्वायत्तता एवं गरिमा की पुष्टि करते हैं तथा कई लोग इसे आदिवासी अधिकारों की नींव भी मानते हैं।
- 5वीं अनुसूची: यह अनुसूचित क्षेत्रों के साथ-साथ असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम राज्यों के अलावा किसी भी राज्य में रहने वाले अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन एवं नियंत्रण से संबंधित है।
- 6वीं अनुसूची: यह असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम राज्यों में आदिवासी आबादी के अधिकारों की रक्षा के लिये आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान करती है। यह विशेष प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 244(2) और अनुच्छेद 275(1) के तहत प्रदान किया गया है।
भारतीय संविधान में संथाली भाषा को जोड़ना:
- वर्ष 2003 में 92वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा संथाली को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में बोडो, डोगरी और मैथिली भाषाओं के साथ भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- आठवीं अनुसूची में इसे शामिल करने का अर्थ था कि भारत सरकार संथाली भाषा के विकास के लिये प्रतिबद्ध थी तथा स्कूल स्तर की परीक्षाओं और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों हेतु प्रवेश परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को भाषा का उपयोग करने की अनुमति देने के लिये बाध्य थी।
संथाल लोगों की आबादी:
- भारत की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, देश भर में संथाली बोलने वाले 70 लाख से अधिक लोग हैं।
- लेकिन उनका भौगोलिक वितरण भारत तक ही सीमित नहीं है अपितु यह समुदाय बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में भी फैला हुआ है।
- संथालों की सर्वाधिक जनसख्या भारत के झारखंड राज्य में सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति के रूप में पाई जाती हैं, इसके अलावा असम, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में भी इनकी जनसख्या पाई जाती हैं।
संविधान की आठवीं अनुसूची:
- संविधान की आठवीं अनुसूची के बारे में:
- इस अनुसूची में भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। भारतीय संविधान के भाग XVII में अनुच्छेद 343 से 351 तक शामिल अनुच्छेद आधिकारिक भाषाओं से संबंधित हैं।
- आठवीं अनुसूची से संबंधित संवैधानिक प्रावधान इस प्रकार हैं:
- अनुच्छेद 344: अनुच्छेद 344(1) संविधान के प्रारंभ से पांँच वर्ष की समाप्ति पर राष्ट्रपति द्वारा एक आयोग के गठन का प्रावधान करता है।
- अनुच्छेद 351: यह हिंदी भाषा का विकास करने हेतु इसके प्रसार का प्रावधान करता है ताकि यह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी घटकों के लिये अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में काम कर सके।
- हालांँकि यह ध्यान देने योग्य है कि किसी भी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिये कोई निश्चित मानदंड निर्धारित नहीं है।
- आधिकारिक भाषाएँ:
- संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं:
- असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोगरी।
- इन भाषाओं में से 14 भाषाओं को संविधान के प्रारंभ में ही शामिल कर लिया गया था।
- वर्ष 1967 में सिंधी भाषा को 21वें सविधान संशोधन अधिनियम द्वारा आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था।
- वर्ष 1992 में 71वें संशोधन अधिनियम द्वारा कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को शामिल किया गया।
- वर्ष 2003 में 92वें सविधान संशोधन अधिनियम जो कि वर्ष 2004 से प्रभावी हुआ, द्वारा बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया।
- संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषाएँ शामिल हैं:
विगत वर्षों के प्रश्ननिम्नलिखित में से किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत भाषाओं में चार भाषाओं को जोड़ा गया, जिससे उनकी संख्या बढ़कर 22 हो गई? (2008) (a) 90वाँ संविधान संशोधन उत्तर: (c) |