मत्स्य पालन क्षेत्र में परिवर्तन | 16 Sep 2024
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की चौथी वर्षगाँठ पर मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव लाने तथा भारत की नीली अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिये कई पहलों की शुरुआत की।
कौन-सी महत्त्वपूर्ण पहल शुरू की गई हैं?
- राष्ट्रीय मत्स्य विकास कार्यक्रम (NFDP) पोर्टल: यह मत्स्य पालन हितधारकों के पंजीकरण के लिये एक केंद्र के रूप में कार्य करता है , जो क्षेत्र से संबंधित सूचना, सेवाओं व सहायता तक पहुँच प्रदान करता है।
- PM-MKSSY दिशानिर्देश: योजना के कार्यान्वयन के लिये एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करने हेतु पीएम-मत्स्य किसान समृद्धि योजना (PM-MKSSY) के लिये परिचालन दिशानिर्देश जारी किये गए।
- रंगीन मछली ऐप: यह ऐप शौकीनों, एक्वेरियम दुकान मालिकों और मछली किसानों के लिये महत्त्वपूर्ण ज्ञान संसाधन प्रदान करके सजावटी मत्स्य पालन क्षेत्र की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- अमृत कतला: यह कतला मछली (लेबियो कतला) की आनुवंशिक रूप से उन्नत किस्म है, जो पूरे देश के किसानों के लिये इसके व्यापक वितरण और उपलब्धता को सुनिश्चित करती है।
- मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) : यह मोती की खेती, सजावटी मत्स्य पालन और समुद्री शैवाल की खेती के लिये तीन विशेष समूहों पर केंद्रित है।
- जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गाँव (CRCFV): 100 तटीय गाँवों को CRCFV के रूप में विकसित करने के लिये दिशानिर्देश जारी किये गए।
- ड्रोन प्रौद्योगिकी पर पायलट परियोजना : दक्षता और स्थिरता में सुधार के लिये मछली परिवहन और अंतर्देशीय मत्स्य पालन की निगरानी के लिये ड्रोन का उपयोग।
- उत्कृष्टता केंद्र: केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI) का मंडपम क्षेत्रीय केंद्र, समुद्री शैवाल खेती और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये उत्कृष्टता केंद्र है।
- न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर (NBC): आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण समुद्री और अंतर्देशीय प्रजातियों के आनुवंशिक संवर्धन के माध्यम से बीज की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये।
- एकीकृत एक्वा पार्कों: असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड में पाँच पार्क।
पीएम-मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) क्या है?
- परिचय: यह एक केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना है जो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत आती है।
- इसका उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक बनाना, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सहायता प्रदान करना तथा समग्र मत्स्य पालन मूल्य शृंखला को बढ़ावा देना है।
- प्रमुख घटक:
- मत्स्य पालन क्षेत्र का औपचारिकीकरण: NFDP 40 लाख लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों को कार्य-आधारित डिजिटल पहचान प्रदान करेगा।
- सूक्ष्म उद्यमों के लिये सहायता : 6.4 लाख सूक्ष्म उद्यमों और 5,500 मत्स्य सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता।
- जलीय कृषि के लिये बीमा कवरेज : 4 हेक्टेयर तक के खेत के लिये 25,000 रुपए प्रति हेक्टेयर तक प्रोत्साहन।
- मत्स्य पालन क्षेत्र मूल्य-शृंखला दक्षता में सुधार: सामान्य श्रेणी के लिये कुल निवेश का 25% या 35 लाख रुपए तक और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला स्वामित्व वाले उद्यमों के लिये 35% या 45 लाख रुपए तक का प्रदर्शन अनुदान।
- सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अपनाना: छोटे उद्यमों को सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना।
- निवेश : यह सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चार वर्ष की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27) में 6,000 करोड़ रुपए के निवेश द्वारा समर्थित है।
- इच्छित लाभार्थी:
- प्रत्यक्ष लाभार्थी : मत्स्य पालन मूल्य शृंखला में शामिल मछुआरे, मछली किसान, मछली श्रमिक और मछली विक्रेता।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यम : स्वामित्व वाली फर्में, साझेदारी, कंपनियाँ, सहकारी समितियाँ, स्वयं सहायता समूह (SHG) , मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (FFPO) और मत्स्य पालन क्षेत्र में लगे स्टार्टअप।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा जीव निस्यंदक भोजी (फिल्टर फीडर)है? (2021) (a) अशल्क मीन (कैटफिश) उत्तर: (c) प्रश्न. ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ योजना के अंतर्गत, निम्नलिखित में से किन-किन उद्देश्यों के लिये कृषकों को अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराया जाता है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये- (a) केवल 1, 2 और 5 उत्तर: (b) |