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विषाक्त शैवाल प्रस्फुटन का सी लॉयन पर प्रभाव

  • 14 Apr 2025
  • 2 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

कैलिफोर्निया के तट पर विषाक्त शैवाल प्रस्फुटन के कारण सी लॉयन अथवा जल सिंघों की प्रवृत्ति अत्यधिक आक्रामक हो गई है, जिसके कारण वे मनुष्यों पर हमला कर रहे हैं।

  • डोमोइक एसिड, डायटम Pseudo-nitzschia द्वारा उत्पादित एक न्यूरोटॉक्सिन है जिसके कारण सी लॉयनों के मस्तिष्क के कार्य में परिवर्तन हो रहा है।
    • इसके कारण समुद्री स्तनधारी जीवों में तनाव, माँसपेशियों में ऐंठन, मस्तिष्क क्षति और व्यवहार में आक्रामकता जनित होती है।
  • डोमोइक एसिड खाद्य शृंखला में प्रवेश कर समुद्री जीवों को नुकसान पहुँचाता है और दूषित समुद्री खाद्य के माध्यम से मनुष्यों के लिये घातक खतरा उत्पन्न करता है।
  • ग्लोबल वार्मिंग के कारण तीव्र पवनों का उत्स्रवण होता है और पोषक तत्त्वों से भरपूर जल ऊपर की और सतह पर आ जाता है, जिससे शैवाल की वृद्धि तीव्र हो जाती है।
    • प्रदूषक विसर्जन और वनाग्नि अपवाह (उदाहरण के लिये, लॉस एंजिल्स की वनाग्नि) से पोषक तत्त्व प्राप्त होते हैं  जिससे शैवाल को और अधिक पोषण प्राप्त होता है।
  • सी लॉयन: सी लॉयन (सील और वालरस सहित) समुद्री स्तनधारी जीवों के समूह से संबंधित हैं जिन्हें पिनिपेड समूह (फिन फूटेड समुद्री स्तनधारी) कहा जाता है।
    • वे बड़े समूहों में पाए जाते हैं और अपनी तीव्र उग्र आवाज़ के लिये जाने जाते हैं।
    • वे अधिकांशतः समुद्र में रहते हैं, लेकिन आराम करने, संभोग करने और पपिंग (संतति को जन्म देना) हेतु किनारे पर आते हैं।
    • वे अधिकतर प्रशांत महासागर में पाए जाते हैं।

Sea_Lions_and_Seal

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