टूर ऑफ ड्यूटी योजना | 08 Apr 2022
सैन्य मामलों का विभाग ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ (Tour of Duty- ToD) योजना को अंतिम रूप देने की ओर अग्रसर है।
- इस योजना के तहत युवाओं को केवल तीन साल के लिये सैनिकों के रूप में भर्ती किया जाएगा।
- यह सैन्य आधुनिकीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले बढ़ते वेतन और पेंशन बिलों को रोकने की तत्काल आवश्यकता की पृष्ठभूमि में किया जा रहा है।
‘टूर ऑफ ड्यूटी’ (ToD) योजना
- पृष्ठभूमि: इस योजना को दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा था।
- परिचय: इसमें तीन साल की निश्चित अवधि के लिये सैनिकों की भर्ती करना शामिल है, जिन्हें अग्निवीर कहा जाएगा।
- यह एक स्वैच्छिक जुड़ाव होगा।
- इसे अग्निपथ प्रवेश योजना (Agnipath Entry Scheme) के नाम से भी जाना जाता है।
- यह योजना उन युवाओं के लिये है जो ‘रक्षा सेवाओं को अपना स्थायी व्यवसाय नहीं बनाना चाहते हैं, लेकिन फिर भी सैन्य व्यावसायिकता के रोमांच का अनुभव करना चाहते हैं।’
- सैनिकों को लाभ: सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों सहित कुछ सरकारी नौकरियों की भर्ती में प्राथमिकता देने के साथ मौद्रिक भुगतान किया जाएगा।
- इसके अलावा इस योजना के तहत संलग्न लोगों को निजी क्षेत्र के तहत भी प्राथमिकता देने पर विचार किया जा रहा है।
- सरकार को लाभ: ‘टूर ऑफ ड्यूटी' योजना न केवल सैन्यकर्मियों की कमी के मुद्दे को हल करने में मदद करेगी, बल्कि यह वेतन वृद्धि एवं पेंशन के बोझ को भी कम करेगी।
- मूल ToD प्रस्ताव के अनुसार, पेंशन और अन्य लाभों के साथ 17 साल की सेवा की समाप्ति के बाद एक जवान के कार्य की लागत में "संभावित जीवन-अवधि की बचत", एक ToD जवान की तुलना में 11.5 करोड़ रुपए होगी।
- वेतन और ग्रेच्युटी भुगतान में बचाए गए संचयी धन का उपयोग ज़रूरी सैन्य आधुनिकीकरण हेतु किया जा सकता है।