टोटो भाषा | 04 Oct 2023
स्रोत: द हिंदू
पश्चिम बंगाल में केवल 1,600 व्यक्तियों द्वारा बोली जाने वाली टोटो भाषा विलुप्त होने के कगार पर है।
- हालाँकि टोटो भाषा को संरक्षित करने में सहायता के लिये "टोटो शब्द संग्रह" नामक एक त्रिभाषी शब्दकोश (टोटो-बंगाली-अंग्रेज़ी) 7 अक्तूबर 2023 को कोलकाता में जारी किया जाएगा।
टोटो भाषा:
- टोटो भाषा एक चीन-तिब्बती भाषा है जो भूटान की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में टोटो जनजाति के व्यक्तियों द्वारा बोली जाती है।
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' (UNESCO) इसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय भाषा के रूप में सूचीबद्ध करता है।
- टोटो भाषा मुख्य रूप से मौखिक रूप से बोली जाती है, हालाँकि समुदाय के प्रमुख सदस्य पद्मश्री से सम्मानित धनीराम टोटो ने वर्ष 2015 में इसकी एक लिपि विकसित की है, लेकिन ज्यादातर व्यक्ति इसे या तो बंगाली लिपि में लिखते हैं या बंगाली भाषा में लिखते हैं।
टोटो समुदाय:
- टोटो एक आदिम और एकांत जनजातीय समूह है जो भारत के पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में टोटोपारा नामक एक छोटे से इलाके में रहता है।
- वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार टोटो जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 2000 से कम है, ये सभी टोटोपारा में रहते हैं।
- टोटो को मंगोलॉयड लोग माना जाता है।
- ये आम तौर पर अंतर्विवाही होते हैं और अपनी ही जनजाति में विवाह करते हैं।
- टोटो परिवार प्रकृति में पितृसत्तात्मक (एक सामाजिक व्यवस्था जिसमें एक विवाहित जोड़ा पति के माता-पिता के साथ रहता है) व्यवस्था पर आधारित है और एकल प्रकार का प्रभुत्व रखता है। हालाँकि इनमें संयुक्त परिवार होना दुर्लभ नहीं हैं। टोटो समुदाय में मोनोगैमी (एकविवाह प्रथा) विवाह का एक सामान्य रूप है लेकिन बहुविवाह निषिद्ध नहीं है। टोटो संस्कृति में तलाक की कोई प्रथा नहीं है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. भारत के संदर्भ में, 'हल्बी, हो और कुई' पद किससे संबंधित हैं - (2021) (a) पश्चिमोत्तर भारत का नृत्य रूप उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (D) सही उत्तर है। |