प्रारंभिक परीक्षा
टोक्यो अटाकामा वेधशाला
- 21 May 2024
- 6 min read
स्रोत: बिज़नेस टुडे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में टोक्यो विश्वविद्यालय की अटाकामा वेधशाला (TAO) का उद्घाटन किया गया है। यह अब विश्व की सबसे ऊँची खगोलीय वेधशाला (18,500 फीट की ऊँचाई) है, यहाँ तक कि प्रसिद्ध अटाकामा लार्ज मिलीमीटर एरे (Atacama Large Millimeter Array (ALMA) को भी पीछे छोड़ देती है, जिसकी ऊँचाई 16,570 फीट है।
टोक्यो अटाकामा वेधशाला क्या है?
- परिचय: 6.5 मीटर ऑप्टिकल-इन्फ्रारेड क्षमता वाली TAO टेलीस्कोप, चिली के अटाकामा रेगिस्तान में माउंट चाजनंतोर पर 18,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
- चाजनंतोर अटाकामा रेगिस्तान के पास एंडीज़ पर्वत में स्थित है।
- अटाकामा रेगिस्तान अपनी उच्चावच, न्यून आर्द्रता और साफ आकाश के कारण खगोलीय अवलोकनों के लिये पृथ्वी पर सबसे उत्कृष्ट स्थानों में से एक है, जो ब्रह्मांड का अध्ययन करने के लिये उत्कृष्ट परिस्थितियाँ प्रदान करता है।
- क्षेत्र की उच्चावच, विरल वातावरण और शुष्क मौसम, निकट-अवरक्त तरंगदैर्ध्य (Near-Infrared Wavelengths) के लगभग पूर्ण स्पेक्ट्रम को देखने के लिये आदर्श हैं।
- अवरक्त विकिरण की तरंगदैर्ध्य दृश्य प्रकाश से अधिक लेकिन सूक्ष्मतरंगों (microwaves) से कम होती है।
- उपकरण: TAO की 6.5-मीटर टेलीस्कोप अवरक्त विकिरणों के अवलोकनों के लिये डिज़ाइन किये गए 2 विज्ञान उपकरणों से सुसज्जित है।
- SWIMS (सिमल्टेनियस-कलर वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड मल्टी-ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ) का उद्देश्य आकाशगंगाओं के विकास को समझना है।
- MIMIZUKU (अज्ञात ब्रह्मांड को देखने के लिये मिड-इन्फ्रारेड मल्टी-फील्ड इमेजर): ग्रह निर्माण और सामग्री की उत्पत्ति का अध्ययन करने के लिये उपयोग किया जाता है।
भारत और विश्व भर में कुछ अन्य प्रमुख वेधशालाएँ कौन सी हैं?
- भारत:
- वृहत मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप, पुणे (महाराष्ट्र)
- कोडईकनाल सौर वेधशाला, कोडईकनाल (तमिलनाडु)
- भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO), हानले (लद्दाख)
- अन्य अंतर्राष्ट्रीय वेधशालाएँ (ऑब्ज़र्वेटरी):
- मौना किआ ऑब्ज़र्वेटरी (हवाई, संयुक्त राज्य अमेरिका)
- किट पीक नेशनल ऑब्ज़र्वेटरी (एरिज़ोना, संयुक्त राज्य अमेरिका)
- माउंट विल्सन ऑब्ज़र्वेटरी (कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका)
- स्क्वायर किलोमीटर एरे ऑब्ज़र्वेटरी (Square Kilometre Array Observatory- SKAO)
नोट: स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्ज़र्वेटरी (Square Kilometre Array Observatory- SKAO) विश्व के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप के निर्माण के लिये ज़िम्मेदार एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- यह अगली पीढ़ी की रेडियो खगोल विज्ञान सुविधा होगी जिसे ब्रह्मांड के विकास का अध्ययन करने और डार्क मैटर, डार्क एनर्जी तथा आकाशगंगाओं के निर्माण संबंधित गहन सवालों (profound questions) के जवाब देने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- यह दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में तैनात दो बड़े टेलीस्कोप सरणी से बना होगा।
- इसके विकास में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, चीन, फ्राँस, भारत, इटली और जर्मनी जैसे देश शामिल हैं।
- भारत ने टेलीस्कोप मैनेजर सॉफ्टवेयर विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो टेलीस्कोप के संचालन को नियंत्रित करता है।
और पढ़ें: ALMA टेलीस्कोप
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2008) कथन (A): रेडियो तरंगें चुंबकीय क्षेत्र में झुकती हैं। कारण (R): रेडियो तरंगें विद्युत चुंबकीय प्रकृति की होती हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा सही है? (a) A और R दोनों व्यक्तिगत रूप से सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या करता है। उत्तर: (a) प्रश्न. आयनमंडल नामक पृथ्वी के वायुमंडल में एक परत रेडियो संचार की सुविधा प्रदान करती है। क्यों? (2011)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |