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तीर्थहल्ली सुपारी

  • 07 May 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

कर्नाटक के तीर्थहल्ली क्षेत्र को लंबे समय से तीर्थहल्ली सुपारी के असाधारण उत्पादन के लिये जाना जाता है, जैसा कि कर्नाटक के शिवमोग्गा के केलाडी शिवप्पा नायक कृषि और बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय के एरेका अनुसंधान केंद्र द्वारा किये गए एक हालिया विश्लेषण से पुष्टि हुई है।

  • उच्च श्रेणी के नट्स के उत्पादन में इसकी उपयुक्तता के कारण तीर्थहल्ली सुपारी की अत्यधिक मांग है, इस किस्म के उत्पादक प्रतिष्ठित नुली और हासा ग्रेड की कृषि करने में सक्षम हैं।
  • अरेका नट पाम नामक यह किस्म पान के साथ प्रयुक्त होने वाली लोकप्रिय सुपारी का स्रोत है जिसे सुपारी या बीटल नट के नाम से जाना जाता है। भारत सुपारी का सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता है। इसकी कृषि प्रमुख रूप से कर्नाटक, केरल, असम, तमिलनाडु, मेघालय और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में होती है।
    • सुपारी के दानों को उबाला जाता है और इसकी भूसी निकालकर सुपारी के सत (Areca Precipitates) को इसमें मिलाया जाता है। इसके बाद नट्स को सुखाया जाता है और उनके बाज़ार मूल्य के आधार पर नुली, हासा, राशी, बेट्टे और गोराबलु के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
    • नुली और हासा नट्स की कीमत राशी, बेट्टे और गोराबलु से अधिक होती है
  • इससे पहले कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में उत्पादित होने वाली 'सिरसी सुपारी' को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिल चुका है।

और पढ़ें:  'सिरसी सुपारी'

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