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ग्रेटर टुनब, लेसर टुनब और अबू मूसा द्वीप

  • 13 Jun 2024
  • 1 min read

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

हाल ही में ईरान ने चीन के राजदूत को बुलाकर अबू मूसा, ग्रेटर टुनब और लेसर टुनब द्वीपों की संप्रभुता के संबंध में चीन तथा संयुक्त अरब अमीरात (UAE) द्वारा दिये गए संयुक्त बयान पर विरोध दर्ज़ कराया।

  • ये ईरान और संयुक्त अरब अमीरात के बीच छोटे विवादित द्वीप हैं, जो फारस की खाड़ी में होर्मुज़ जलडमरूमध्य के प्रवेश द्वार पर स्थित हैं।
  • ईरान दावा करता है कि ये द्वीप ऐतिहासिक रूप से फारसी क्षेत्र का हिस्सा थे, जब तक कि 20वीं सदी के आरंभ में उन पर ब्रिटिशों ने कब्ज़ा नहीं कर लिया।
  • वर्ष 1971 में ब्रिटिश सेना के वापस चले जाने के बाद ईरान ने इन तीनों द्वीपों पर नियंत्रण कर लिया और इन्हें अपना अभिन्न अंग मान लिया।
  • UAE के अनुसार, ये द्वीप रास अल-खैमाह अमीरात के थे, जब तक कि ईरान ने कथित तौर पर वर्ष 1971 में ब्रिटेन से UAE की आज़ादी से पहले अमीराती संघ के गठन से कुछ दिन पूर्व उन्हें बलपूर्वक ज़ब्त नहीं कर लिया था।

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