थांथाई पेरियार स्मारक | 04 Jan 2025

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने वायकोम में पुनर्निर्मित थांथाई पेरियार स्मारक का उद्घाटन किया, जो तमिल सुधारवादी ई.वी. रामासामी नायकर, जिन्हें थांथाई पेरियार के नाम से जाना जाता है, के योगदान को याद करने वाला एक महत्त्वपूर्ण स्थल है।

  • यह स्मारक थांथाई पेरियार स्मृति में निर्मित किया गया है, जिन्होंने अप्रैल 1924 में भारत में 'अछूत' समुदायों के अधिकारों के लिये पहले संगठित आंदोलन के रूप में पहचाने जाने वाले वायकोम सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
    • पेरियार की सक्रियता के कारण उन्हें आंदोलन में भाग लेने के लिये दो बार जेल जाना पड़ा, जिससे उन्हें 'वायकोम वीरन' की उपाधि मिली।
  • पुनर्निर्मित स्मारक में एक नया पुस्तकालय और पेरियार की जीवनी, द्रविड़ आंदोलन का इतिहास एवं प्रमुख नेताओं के साथ उनके संबंधों का विवरण देने वाली सामग्री शामिल है।
  • पेरियार का योगदान:
    • वायकोम सत्याग्रह 30 मार्च 1924 से 23 नवंबर 1925 तक वायकोम, केरल में आयोजित एक शांतिपूर्ण विरोध का नेतृत्व दूरदर्शी नेता टीके माधवन, केपी केशव मेनन और के. केलप्पन ने किया था
    • इन्होंने आत्म-सम्मान आंदोलन और द्रविड़ कझगम की शुरुआत की, इन्हें 'द्रविड़ आंदोलन के जनक' के रूप में जाना जाता है।

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