प्रारंभिक परीक्षा
पृथ्वी के कोर के ऊपर महासागरीय नितल का धँसाव
- 14 Apr 2023
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हाल ही में भू-वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के कोर और मेंटल के बीच एक अज्ञात परत की खोज की है, जो पृथ्वी की सामान्य परतों की तुलना में पतली लेकिन घना धँसा हुआ महासागरीय नितल हो सकता है।
- यह परत भू-गर्भीय शब्दावली में इसको पेंसिल थिंग (Pencil-Thing) कहा गया है, जिसकी लंबाई लगभग दस किलोमीटर है, इस प्रकार यह पृथ्वी की अन्य परतों की मोटाई की तुलना में बहुत कम है।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रकार की परत की खोज, इस तथ्य को समझने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है कि पृथ्वी के कोर से ऊष्मा का निष्कासन किस प्रकार होता है।
- प्राचीन महासागरीय नितल से पदार्थ/संघटक भी मेंटल प्लम में फँस सकते हैं और ज्वालामुखी विस्फोट के माध्यम से पृथ्वी की सतह पर वापस आ सकते हैं।
- पृथ्वी के कोर में कई पर्वत हो सकते हैं उनमें से कुछ भूमिगत "पर्वतों" की ऊँचाई माउंट एवरेस्ट से पाँच गुना अधिक हो सकती है, इस प्रकार इससे यह समझने में यह मदद मिल सकती है कि पृथ्वी की सतह और वायुमंडल के बीच तथा बाह्य कोर और मेंटल की भौतिक विशेषताओं में अधिक अंतर क्यों हैं?
- अधोगामित महासागरीय पदार्थ/संघटक कोर-मेंटल सीमा/असंतात्य के समीप एकत्र हो जाते हैं जहाँ से ये समय पर्यंत प्रसरण के माध्यम से धीरे-धीरे मेंटल की चट्टानी संरचना में रूपांतरित हो सकते हैं। इससे पता चलता है कि पृथ्वी के निर्माण का इतिहास वर्तमान संकल्पनाओं से काफी अधिक जटिल है, जिसमें इस प्रकार कई धँसे हुए महासागरीय नितलों की संभावना ग्रह के भू-वैज्ञानिक बनावट की जटिलता को और बढ़ाती है।
भविष्य के अनुसंधान के निहितार्थ:
- यह नई खोज भूवैज्ञानिकों के लिये शोध के नए रास्ते खोलती है और इससे पृथ्वी के निर्माण की भू-गर्भीय प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।
- कोर-मेंटल सीमा/असंतात्य से प्रतिध्वनि तरंगों की विस्तृत विधि का उपयोग करके दक्षिणी गोलार्द्ध के एक बड़े हिस्से की जाँच करने के लिये इस्तेमाल की जा रही है, जिसका उपयोग विश्व के अन्य हिस्सों में इसी तरह की विसंगतियों को समझने के लिये किया जा सकता है।
- यह हमारे ग्रह के आंतरिक रहस्यों की खोज के लिये उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेज़िंग तकनीक में निरंतर निवेश के महत्त्व पर भी प्रकाश डालता है।
महासागरीय नितल:
- महासागरीय नितल यानी महासागर का तल पृथ्वी की सतह के 70 प्रतिशत से अधिक भाग को कवर करता है। स्थानिक और विवर्तनिकी प्लेटों की गति के आधार पर इसकी विभिन्न प्रकार की विशेषताएँ तथा गहराई होती है। महासागर तल को चार मुख्य क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
- महाद्वीपीय मग्नतट:
- यह महासागरीय नितल का सबसे उथला और चौड़ा भाग है।
- यह तट से महाद्वीप के किनारे तक फैली हुई है जहाँ यह महाद्वीपीय ढाल की तीव्रता से मिलती है।
- यह मछली, तेल और गैस जैसे समुद्री जीवन तथा संसाधनों से समृद्ध है।
- महाद्वीपीय ढाल:
- ये तीव्र ढाल हैं जो महाद्वीपीय मग्नतट को महासागरीय नितल मैदानों से जोड़ते हैं।
- यह गहरी कैनियन और घाटियों द्वारा कटी हुई है जो जल के नीचे के भूस्खलन और तलछट की नदियों द्वारा बनाई गई हैं।
- यह महासागरीय नितल क्षेत्र में रहने वाले कुछ जीवों जैसे ऑक्टोपस, स्क्वीड और एंगलरफिश का पर्यावास है।
- नितल मैदान:
- यह महासागरीय नितल का सबसे समतल भाग है।
- अधिकांश महासागर बेसिन को कवर करता है तथा महासागरीय तल से 4,000 से 6,000 मीटर नीचे स्थित है।
- यह महीन तलछट की एक मोटी परत द्वारा ढका होता है जो महासागरीय धाराओं द्वारा लाया जाता है और महासागरीय नितल पर निक्षेपित होता है।
- पृथ्वी पर कुछ सबसे विचित्र और रहस्यमय जानवर यहाँ पाए जाते हैं जैसे- जाइंट बियर्डवॉर्म (Giant Tube Worms-रिफ्टिया पचीप्टिला), बायोल्यूमिनेसेंट मछली (Bioluminescent Fish) और वैम्पायर स्क्वीड (Vampire Squids)।
- महाद्वीपीय मग्नतट:
- महासागरीय गर्त या खाइयाँ (Oceanic Deeps or Trenches):
- ये क्षेत्र महासागरों के सबसे गहरे भाग हैं।
- खाइयाँ अपेक्षाकृत खड़ी ढाल वाली, संकरी द्रोणियाँ होती हैं। वे आसपास के महासागरीय नितल की तुलना में 3-5 किमी. गहरे होते हैं।
- ये महासागरीय नितल पर स्थित तीव्र ढाल वाले लंबे, पतले तथा गहरे अवनमन के क्षेत्र हैं और सक्रिय ज्वालामुखियों एवं तीव्र भूकंप से संबंधित होते हैं।
- यही कारण है कि प्लेट संचलन के अध्ययन में इनका अत्यधिक महत्त्व है। अब तक 57 गर्तों का पता लगाया जा चुका है; जिनमें से 32 प्रशांत महासागर में, 19 अटलांटिक महासागर में तथा 6 हिंद महासागर में हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. पृथ्वी ग्रह की संरचना में मैंटल के नीचे कोर मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किससे बना है? (2009) (a) अल्युमीनियम उत्तर: (c) |