स्टेम सेल प्रत्यारोपण | 30 Oct 2024

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में हेमेटोपोइएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण (HSCT) कराने वाले मरीजों के दीर्घकालिक परिणामों की जाँच की गई, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि प्रत्यारोपित स्टेम कोशिकाएँ समय के साथ कैसे विकसित और उत्परिवर्तित होती हैं।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • इस शोध में दानकर्त्ताओं और प्राप्तकर्त्ताओं के 16 जोड़ों को शामिल किया गया, जिनमें दोनों में आश्चर्यजनक रूप से कम उत्परिवर्तन दर (जो कि दानकर्त्ताओं में औसतन 2% और प्राप्तकर्त्ताओं में 2.6% प्रतिवर्ष) देखी गई। 
    • यह खोज दशकों तक स्टेम कोशिकाओं के स्थिर क्लोनल विस्तार का संकेत देती है।
  • सभी दाताओं ने क्लोनल हेमेटोपोइसिस का कुछ स्तर प्रदर्शित किया, व्यापक क्लोनल विस्तार की अनुपस्थिति अस्थि मज्जा की मजबूत पुनर्योजी क्षमता को इंगित करती है।
  • निहितार्थ: 
    • दीर्घकालिक प्रत्यारोपण परिणामों में सुधार के लिये महत्त्वपूर्ण।
    • क्लोनल हेमेटोपोइसिस की उपस्थिति के कारण प्राप्तकर्त्ताओं में रक्त कैंसर या दीर्घकालिक रोग विकसित होने का संभावित जोखिम 

नोट: जब रक्त प्रणाली में एक प्रकार की रक्त कोशिका की संख्या अन्य की तुलना में बढ़ जाती है तब क्लोनल हेमेटोपोइसिस की स्थिति होती है। इस स्थिति के सामान्य उदाहरणों में क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया और मायलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (MDS) शामिल हैं।

हेमेटोपोइएटिक स्टेम कोशिकाएँ क्या हैं?

  • स्टेम कोशिकाएँ: स्टेम कोशिकाओं से विशिष्ट कार्य करने वाली अन्य कोशिकाएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  • हेमेटोपोइएटिक स्टेम सेल (HSC): ये अपरिपक्व कोशिकाएँ हैं जो श्वेत रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स सहित सभी प्रकार की रक्त कोशिकाओं में विकसित होने में सक्षम हैं। इसे पहली बार 1950 के दशक में मनुष्यों में उपयोग के लिये खोजा गया था।
  • हेमेटोपोइएटिक स्टेम कोशिकाएँ परिधीय रक्त और अस्थि मज्जा में स्थित होती हैं, जिन्हें रक्त स्टेम कोशिकाएँ भी कहा जाता है।
  • HSC का प्रत्यारोपण: इसमें निष्क्रिय या क्षीण अस्थि मज्जा वाले रोगियों को स्वस्थ हेमेटोपोइएटिक स्टेम कोशिकाएँ प्रदान की जाती हैं।
    • हेमेटोपोइएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण से रक्त कैंसर से पीड़ित लोगों की जान बचाई जा सकती है। 
    • प्रत्यारोपण के बाद दान की गई स्टेम कोशिकाएँ प्राप्तकर्त्ता की रक्त कोशिका उत्पादन प्रणाली को संतुलित करने में मदद करती हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. वंशानुगत रोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021) 

  1. अंडों के अंतःपात्र (इन विट्रो) निषेचन से पहले या बाद में सुत्रकणिका प्रतिस्थापन (माइटोकॉन्ड्रिया रिप्लेसमेंट) चिकित्सा द्वारा सुत्रकणिका रोगों (माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज़) को माता-पिता से संतान में जाने से रोका जा सकता है।
  2.  किसी संतान में सुत्रकणिका रोग (माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज़) आनुवंशिक रूप से पूर्णतः माता से जाता है न कि पिता से।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (C) 


प्रश्न. अक्सर सुर्खियों में रहने वाली ‘स्टेम कोशिकाओं’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)

  1. स्टेम कोशिकाएँ केवल स्तनपायी जीवों से ही प्राप्त की जा सकती है।
  2.  स्टेम कोशिकाएँ नई औषधियों को परखने के लिये प्रयोग की जा सकती है।
  3.  स्टेम कोशिकाएँ चिकित्सा थेरेपी के लिये प्रयोग की जा सकती हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)