अरुणाचल प्रदेश राज्य स्थापना दिवस | 21 Feb 2022
हाल ही में प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के 36वें स्थापना दिवस पर वहाँ के लोगों को शुभकामनाएंँ दीं।
- भारतीय संविधान में 55वें संशोधन (वर्ष 1986) के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी, 1987 को भारतीय संघ का 24वाँ राज्य बना।
प्रमुख बिंदु
अरुणाचल प्रदेश के बारे में:
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान वर्ष 1972 तक इस राज्य को नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के रूप में जाना जाता था।
- 20 जनवरी, 1972 को यह केंद्रशासित प्रदेश बना और इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया।। इसे अरुणाचल प्रदेश राज्य अधिनियम, 1986 द्वारा राज्य का दर्जा प्रदान किया गया था।
- भौगोलिक अवस्थिति: अरुणाचल प्रदेश का गठन वर्ष 1987 में असम से अलग एक पूर्ण राज्य के रूप में किया गया था।
- पश्चिम में अरुणाचल प्रदेश की सीमा भूटान से लगती है और इसके उत्तर में चीन का तिब्बती क्षेत्र पड़ता है।
- इसके दक्षिण-पूर्वी भाग में नगालैंड और म्याँमार हैं, जबकि दक्षिण-पश्चिमी भाग में असम पड़ता है।
- आबादी: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है।
- राज्य की कुल साक्षरता दर (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार) 65.38% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 72.55% और महिला साक्षरता दर 57.70% है।
- राज्य का लैंगिक अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 938 महिलाएँ है (राष्ट्रीय लैंगिक अनुपात: 943)।
- इस राज्य में 26 प्रमुख जनजातियांँ निवास करती हैं, इनमें लगभग 100 से अधिक उप-जनजातियांँ हैं, जिनमें से कई जनजातियों की पहचान नहीं की गई है। इस राज्य की लगभग 65% जनसंख्या आदिवासी है।
- व्यवसाय: इस राज्य की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका के लिये कृषि (मुख्य रूप से झूम खेती) पर निर्भर है।
- अन्य नकदी फसलों जैसे- आलू आदि की खेती भी की जाती है।
- बागवानी फसलें जैसे- अनानास, सेब, संतरा इत्यादि की खेती भी की जाती है।
- जैव विविधता:
- राजकीय पशु: मिथुन (जिसे गयाल के नाम से भी जाना जाता है)।
- राजकीय पक्षी: हॉर्नबिल।
- दिहांग दिबांग बायोस्फियर रिज़र्व भी इसी राज्य में स्थित है।
- संरक्षित क्षेत्र:
- नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान
- मौलिंग नेशनल पार्क
- सेसा ऑर्किड अभयारण्य
- दिबांग वन्यजीव अभयारण्य
- पक्के बाघ अभयारण्य
- अरुणाचल के आदिवासी: अरुणाचल प्रदेश के महत्त्वपूर्ण जनजातीय समूहों में मोनपा, निशि, अपतानी, नोक्टे और शेरडुकपेन शामिल हैं।
- मोन्पा: इन्हें पूर्वोत्तर की एकमात्र खानाबदोश जनजाति माना जाता है, जो पश्चिम कामेंग और तवांग ज़िलों में निवास करते हैं, ये मुख्य रूप से बौद्ध हैं जो महायान संप्रदाय का अनुशरण करते हैं।
- अपतानी: ये पूर्व-आर्य मान्यताओं को मानते हैं, जैसा कि उनके द्वारा की जाने वाली पेड़, चट्टानों और पौधों आदि की पूजा से स्पष्ट है। वे मुख्य रूप से बाँस की खेती करते हैं।
- नोक्टे: ये अरुणाचल प्रदेश के तिरप ज़िले में निवास करते हैं तथा थेरवाद बौद्ध धर्म और जीववाद का पालन करते हैं।
- शेरडुकपेन: यह एक छोटा आदिवासी समूह है, यह समूह अरुणाचल प्रदेश के सबसे प्रगतिशील जनजातियों में से एक है। ये लोग कृषि, मछली पालन और पशु पालन का कार्य करते हैं। हालाँकि इन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया है, लेकिन इनकी अधिकांश प्रथाएँ अभी भी पूर्व-बौद्ध धर्म और अधिक जीववादी हैं।
- निशि: यह अरुणाचल प्रदेश की सबसे अधिक आबादी वाली जनजाति है, ये लोग मुख्य रूप से झूम खेती करते हैं और चावल, बाजरा, ककड़ी, आदि का उत्पादन करते हैं।