स्टारलिंक प्रोजेक्ट | 19 Apr 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में सौर तूफान जैसी जटिल अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं के कारण कई स्टारलिंक उपग्रह विलुप्त हो गए, जिन्हें फरवरी 2022 में एलन मस्क के स्पेसएक्स द्वारा लॉन्च किया गया था।
स्टारलिंक प्रोजेक्ट:
- यह एक स्पेसएक्स परियोजना है, जिसे वर्ष 2019 में हज़ारों परिक्रमा कर रहे उपग्रहों के समूह के साथ एक ब्रॉडबैंड नेटवर्क निर्मित करने हेतु लॉन्च किया गया था।
- परियोजना का लक्ष्य कम लागत वाला उपग्रह-आधारित ब्रॉडबैंड नेटवर्क निर्मित करना है जो वैश्विक इंटरनेट पहुँच प्रदान कर सके।
- स्टारलिंक उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में 350 किलोमीटर से 1,200 किलोमीटर के बीच की ऊँचाई पर स्थापित किया जाएगा।
- डेटा मांगने वाले उपयोगकर्त्ता तथा डेटा को प्रसारित करने वाले सर्वर के बीच कम विलंबता अंतरिक्ष-आधारित इंटरनेट के लिये LEO में उपग्रह रखने का प्रमुख लाभ है।
- सौर तूफान की घटना तब होती है जब सूर्य सौर प्रज्वाल एवं कोरोनल मास इजेक्शन के रूप में ऊर्जा के बड़े विस्फोट उत्सर्जित करता है। ये घटनाएँ तेज़ गति से विद्युत आवेशों के साथ ही चुंबकीय क्षेत्रों की एक धारा को पृथ्वी की ओर भेजती हैं।
- पृथ्वी पर आने वाले सौर तूफान के प्रभावों में से एक ऑरोरा बोरेलिस (नॉर्दन लाइट्स/Northern Lights) का निर्माण है जो आर्कटिक सर्कल के आसपास के क्षेत्रों में देखा जाता है। सौर तूफानों का एक प्रतिकूल प्रभाव उपग्रहों के साथ संचार के अन्य इलेक्ट्रॉनिक साधनों में व्यवधान उत्पन्न करना है।
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