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भारतीय नौसेना हेतु SPACE प्लेटफॉर्म

  • 08 May 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी. 

हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने केरल में "स्पेस" नामक सोनार प्रणाली हेतु एक प्रमुख परीक्षण एवं मूल्यांकन केंद्र स्थापित किया है जो भारतीय नौसेना को समर्पित है।

  • इसका अर्थ ध्वनिक विशेषता एवं मूल्यांकन के लिये एक अत्याधुनिक सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म (Submersible Platform for Acoustic Characterisation and Evaluation- SPACE) से हैI 
  • इसका उपयोग मुख्य रूप से संपूर्ण सोनार प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु किया जाएगा। इसमें दो विशिष्ट संयोजन शामिल हैं। 
    • फ्लोटिंग पार्ट वह भाग है जो जल की ऊपरी सतह पर तैरता है, और
    • जलमग्न भाग एक सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म है जिसे विंच सिस्टम का उपयोग करके 100 मीटर की गहराई तक उतारा जा सकता है।
  • संचालन पूर्ण होने पर सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म को विंच किया जा सकता है और फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म के साथ डॉक किया जा सकता है।
  • यह सेंसर तथा ट्राँसड्यूसर जैसे वैज्ञानिक उपायों की त्वरित तैनाती एवं सरल पुनर्प्राप्ति की अनुमति प्रदान करेगाI 
  • यह आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके वायु, सतह, मध्य-जल एवं जलाशय तल मापदंडों के सर्वेक्षण, नमूनाकरण और डेटा संग्रह हेतु उपयुक्त होगा।
  • सोनार (साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग) एक उपकरण है जिसका उपयोग अल्ट्रासोनिक तरंगों द्वारा दूरी मापने के लिये किया जाता है।
    • सोनार तकनीक का उपयोग समुद्र की गहराई निर्धारित करने तथा जलमग्न पहाड़ियों, घाटियों, पनडुब्बियों, हिमखंडों, डूबे हुए जहाज़ो आदि का पता लगाने के लिये किया जाता है।

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