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मृदा मानचित्रण

  • 09 Aug 2022
  • 7 min read

हाल ही में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने उर्वरकों के दक्षतापूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिये उप-सहारा अफ्रीका (SSA) एवं मध्य अमेरिका में मृदा के पोषक तत्त्वों का डिजिटल रूप से मानचित्रण करने हेतु एक परियोजना शुरू की है।

  • साथ ही यह पूर्व के मृदा मानचित्रण को व्यवस्थित और बेहतर बनाएगा।

मृदा मानचित्रण:

  • परिचय:
    • मृदा मानचित्रण मृदा के प्राकृतिक निकायों को चित्रित करने, चित्रित निकायों को मानचित्र इकाइयों में वर्गीकृत और समूहीकृत करने तथा मानचित्र पर मृदा के स्थानिक वितरण की व्याख्या एवं चित्रण के लिये मृदा से संबंधित तथ्यों को प्रदर्शित करने की एक प्रक्रिया है।
  • संभावित लाभ:
    • यह हमारी मृदा और फसलों के अनुसार वांछित पोषक तत्त्वों की सूचना प्रदान करेगा।
    • इसके अलावा यह उर्वरकों का उपयोग करते समय होने वाली बर्बादी को कम कर उनकी प्रभावशीलता को बढ़ाएगा।

परियोजना के निहितार्थ:

  • परिचय:
    • संयुक्त राष्ट्र की इस परियोजना के तहत उर्वरकों के दक्षतापूर्ण उपयोग को बढ़ाने के लिये उप-सहारा अफ्रीका (SSA) और मध्य अमेरिका में मिट्टी के पोषक तत्त्वों का डिजिटल रूप से मानचित्रण किया जा रहा है। यह परियोजना खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा संचालित की जा रही है।
    • यह नीति निर्माताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली सार्वजनिक वस्तुओं के रूप में राष्ट्रीय मृदा डेटाबेस और मृदा सूचना प्रणाली के निर्माण को बढ़ावा देगा।
    • इसके अलावा निजी क्षेत्र और विशेष रूप से किसान इससे दीर्घकालिक लाभ उत्पन्न कर सकते हैं।
    • यह उत्पादन से समझौता किये बिना उर्वरक बाज़ारों और जलवायु गतिशीलता में रुझानों के अनुकूलित होने के लिये अल्पकालिक लचीलेपन में भी सुधार करेगा।
  • ज़रूरत:
    • उप-सहारा अफ्रीका में स्थायी कृषि पद्धतियाँ, संसाधनों और क्षमता विकास की कमी तथा पोषक तत्त्वों के कम उपयोग के परिणामस्वरूप मृदा में महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों की कमी के चलते कम फसल पैदावार के साथ ही गरीबी बढ़ी है, जिसने कई किसान परिवारों के समक्ष खाद्य असुरक्षा की स्थिति पैदा कर दी है।
    • कई अफ्रीकी देशों में मृदा को नियंत्रित करने वाली नीतियों के साथ-साथ स्थायी मृदा प्रबंधन कार्यक्रमों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने की क्षमता, ज्ञान एवं अनुभव का अभाव है।
    • अफ्रीका की कुल कारक उत्पादकता (Total Factor Productivity) वृद्धि, विशेष रूप से उप-सहारा क्षेत्र में अन्य विकासशील क्षेत्रों की वृद्धि से मेल नहीं खाती है।
      • कुल कारक उत्पादकता वृद्धि उत्पादन में वृद्धि और सभी कारक इनपुट आमतौर पर श्रम पूंजी के संयोजन से वृद्धि के बीच का अंतर है।

खाद्य और कृषि संगठन (FAO):

  • खाद्य और कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भुखमरी को समाप्त करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करती है।
  • इसका लक्ष्य सभी के लिये खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना है और यह सुनिश्चित करना है कि सक्रिय स्वस्थ जीवन जीने हेतु लोगों की पर्याप्त उच्च गुणवत्ता वाले भोजन तक नियमित पहुँच सुनिश्चित हो।
    • 195 सदस्यों,194 देशों और यूरोपीय संघ के साथ FAO दुनिया भर में 130 से अधिक देशों में काम करता है।

UPSC  सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न.  निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

राष्ट्रव्यापी ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम (सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम)’ का उद्देश्य है:

  1. सिंचित कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करना।
  2. मृदा गुणवत्ता के आधार पर किसानों को दिये जाने वाले ऋण की मात्रा के आकलन में बैंकों को समर्थ बनाना।
  3. कृषि भूमि में उर्वरकों के अति-उपयोग को रोकना।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा प्रवर्तित भारत सरकार की एक योजना है। इसे सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के कृषि विभाग के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
  • SHC योजना का उद्देश्य प्रत्येक किसान को जोत की मिट्टी के पोषक तत्त्व की स्थिति और उर्वरकों की मात्रा तथा मृदा में आवश्यक संशोधनों हेतु सलाह देना है ताकि लंबे समय तक मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके।
  • SHC मुद्रित रिपोर्ट है जो किसान को उसकी प्रत्येक जोत के लिये प्रदान किया जाता है, में 12 मापदंडों के संबंध में मृदा की स्थिति शामिल होती है, अर्थात् नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटेशियम (K) (मैक्रो-पोषक तत्त्व); सल्फर (S) (माध्यमिक-पोषक तत्त्व); जिंक (Zn), आयरन (Fe), कॉपर (Cu), मैंगनीज़ (Mn), बोरॉन (B) (सूक्ष्म पोषक तत्त्व) और PH, विद्युत चालकता (EC), कार्बनिक कार्बन (OC) (भौतिक पैरामीटर)। इसके आधार पर SHC खेत के लिये आवश्यक उर्वरक और मृदा संशोधन को भी इंगित करता है। अत: कथन 3 सही है और कथन 1 एवं 2 सही नहीं हैं।
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष मृदा के प्रकार का पता लगाना और फिर ऐसे तरीके प्रदान करना है जिससे किसान इसमें सुधार सकें। अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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