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आयुर्वेद हेतु स्मार्ट (SMART) कार्यक्रम

  • 03 Jan 2023
  • 3 min read

हाल ही में आयुष मंत्रालय के तहत दो प्रमुख संस्थानों- भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिये राष्ट्रीय आयोग (NCISM) और केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद  (CCRAS) ने 'स्मार्ट' कार्यक्रम शुरू किया है।

  • स्कोप फॉर मेनस्ट्रीमिंग आयुर्वेद रिसर्च इन टीचिंग प्रोफेशनल्स (SMART) कार्यक्रम का उद्देश्य आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों के माध्यम से वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

स्मार्ट (SMART) कार्यक्रम: 

  •  यह पाया गया कि आयुर्वेद शिक्षकों के विशाल समुदाय की अनुसंधान क्षमता का आमतौर पर उपयोग नहीं हो पाता है। अत: ‘स्मार्ट’ कार्यक्रम का आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान पर गहरा दीर्घकालिक कायाकल्प प्रभाव पड़ेगा तथा यह राष्ट्र के लिये एक महान सेवा होगी।
  • इसका उद्देश्य ऑस्टियोआर्थराइटिस, आयरन की कमी वाले एनीमिया, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, डिस्लिपिडेमिया, रुमेटीइड आर्थराइटिस, मोटापा, मधुमेह मेलेटस, सोरायसिस, सामान्यीकृत चिंता विकार, गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) सहित स्वास्थ्य अनुसंधान क्षेत्रों में नवीन अनुसंधान तरीकों की पहचान, सहयोग और प्रचार करना है।
  • कार्यक्रम शिक्षकों को स्वास्थ्य अनुसंधान के निर्दिष्ट क्षेत्रों में प्रोजेक्ट हेतु प्रेरित करेगा और एक बड़ा डेटाबेस तैयार करेगा। 

‘आयुष’:

  • स्वास्थ्य देखभाल और उपचार की पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक प्रणालियाँ  में आयुर्वेद (Ayurveda), योग (Yoga), प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी (Unani), सिद्ध (Siddha), सोवा-रिग्पा (Sowa-Rigpa) व होम्योपैथी (Homoeopathy) आदि शामिल हैं।
  • भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की सकारात्मक विशेषताओं अर्थात् उनकी विविधता और लचीलापन; अभिगम्यता; सामर्थ्य, आम जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा व्यापक स्वीकृति; तुलनात्मक रूप से कम लागत तथा बढ़ते आर्थिक मूल्य के कारण उनके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बनने की काफी संभावनाएँ हैं, साथ ही लोगों के बड़े हिस्से को उनकी आवश्यकता है।

आयुर्वेद के विकास हेतु सरकार की पहलें: 

स्रोत: पी.आई.बी.

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