प्रारंभिक परीक्षा
मध्य प्रदेश में बाघों की मृत्यु पर SIT रिपोर्ट
- 07 Aug 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में मध्य प्रदेश के बाँधवगढ़ टाइगर रिज़र्व और शहडोल वन सर्कल में वर्ष 2021 और 2023 के बीच 43 बाघों की मृत्यु पर एक विशेष जाँच दल (Special Investigation Team- SIT) की रिपोर्ट ने भारत में वन्यजीव संरक्षण उपायों की प्रभावशीलता के बारे में महत्त्वपूर्ण चिंताएँ जताई हैं।
- रिपोर्ट में जाँच में गंभीर खामियों, अपर्याप्त साक्ष्य संग्रह तथा बाघ संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार अधिकारियों में जवाबदेही की कमी पर प्रकाश डाला गया है।
भारत में बाघों की मृत्यु दर:
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) ने हाल के वर्षों में बाघों की मृत्यु में वृद्धि की प्रवृत्ति की सूचना दी है, जिसमें वर्ष 2019 में 96, वर्ष 2020 में 106, वर्ष 2021 में 127, वर्ष 2022 में 121 और वर्ष 2023 में 178 बाघों की मृत्यु हुई, जो वर्ष 2012 के बाद से बाघों की मृत्यु की सबसे अधिक संख्या है।
- भारत में वर्ष 2019 से 2024 के बीच कुल 628 बाघों की मौत हुई।
- वर्ष 2022 में भारत में बाघों की संख्या 3,682 थी, जो वैश्विक जंगली बाघ आबादी का लगभग 75% थी।
- भारत ने बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी।
- वर्तमान में, भारत में 55 बाघ अभयारण्य हैं, जो 78,735 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले हैं, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.4% है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BTR)
- यह मध्य प्रदेश के उमरिया ज़िले में विंध्य पहाड़ियों के भीतर स्थित है।
- इस पार्क में 3 अलग-अलग क्षेत्र शामिल हैं: 'बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान', 'पंपाथा वन्यजीव अभयारण्य' ("कोर एरिया") और उमरिया, शहडोल और कटनी ज़िलों में फैले आस-पास के अधिसूचित "बफर एरिया"।
- इसे वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान और वर्ष 1993 में प्रोजेक्ट टाइगर नेटवर्क के तहत पनपथा अभयारण्य के साथ एक बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था।
- यहाँ पाई जाने वाली वन्यजीव प्रजातियों में बाघ, तेंदुआ, ढोल (भारतीय जंगली कुत्ता), बंगाल या भारतीय लोमड़ी, स्लोथ बेयर, चिकने बालों वाला ऊदबिलाव, भारतीय रॉक पायथन, रस्टी स्पॉटेड कैट , फिशिंग कैट, गौर और जंगली हाथी शामिल हैं।
- BTR रॉयल बंगाल टाइगर्स के उच्च घनत्व के लिये प्रसिद्ध है, जो भारत और विश्व में सबसे अधिक है।
SIT रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
- अपर्याप्त जाँच: बाघों की मृत्यु के कम से कम 10 मामलों की अपर्याप्त रूप से जाँच की गई, जिसमें अप्राकृतिक मृत्यु के लिये केवल दो गिरफ्तारियाँ हुईं। अधिकारियों ने उदासीनता दिखाई, जिसके कारण कई बाघों के शारीरिक अंग गायब पाए गए।
- महत्त्वपूर्ण साक्ष्य का अभाव: विद्युत-आघात के मामलों में मोबाइल फोरेंसिक और इलेक्ट्रिक ट्रिप डेटा का अभाव तथा अवैध शिकार से संबंधित भूमि स्वामित्व जाँच की उपेक्षा।
- मृत्यु के कारणों का गलत वर्गीकरण: बिना गहन जाँच किये आपसी संघर्ष को मृत्यु का कारण बताने की प्रवृत्ति, जिससे शिकार के मामलों को छिपा दिया जाता है।
- पोस्टमार्टम संबंधी समस्याएँ: अपर्याप्त पोस्टमार्टम प्रक्रियाएँ, अपर्याप्त नमूना संग्रह और दस्तावेज़ीकरण।
- उपचार में लापरवाही: उपचार के दौरान बाह्य कारकों की पहचान करने में विफलता सहित चिकित्सा लापरवाही के कारण बाघिन की मृत्यु हुई।
सर्वोच्च न्यायालय की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) - सरिस्का बाघ अभयारण्य (STR) हेतु सिफारिशें (2024)
- उच्च यातायात प्रभाव: मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के भारी वाहन यातायात के कारण प्राकृतिक आवासों का विनाश हो रहा है तथा प्रदूषण बढ़ रहा है।
- संस्तुति: मार्च 2025 तक निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाएँ और इलेक्ट्रिक शटल बसें शुरू की जाएँ। व्यवहार्यता अध्ययनों के आधार पर ट्रामवे, एलिवेटेड रोड या रोपवे के विकल्प अपनाए जाएँ।
- विशेष बाघ संरक्षण बल: बढ़ती बाघ आबादी और आस-पास के गाँवों के कारण मानव-पशु संघर्ष एवं अवैध शिकार के जोखिम से निपटने के लिये एक संरक्षण बल की स्थापना करने की आवश्यकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित बाघ आरक्षित क्षेत्राें में ‘‘क्रांतिक बाघ आवास (Critical Tiger Habitat)’’ के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र किसके पास है? (2020) (a) कॉर्बेट उत्तर: (c) प्रश्न. पारिस्थितिक दृष्टिकोण से पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट के बीच एक अच्छा संपर्क होने के रूप में निम्नलिखित में किसका महत्त्व अधिक है? (2017) (a) सत्यमंगलम बाघ अरक्षित क्षेत्र (सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व) उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त में से किसे बाघ आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |