लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

सिंगल-क्रिस्टेलाइन स्कैंडियम नाइट्राइड

  • 06 Jul 2022
  • 3 min read

बंगलूरू के जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) के शोधकर्त्ताओं ने "सिंगल-क्रिस्टेलाइन स्कैंडियम नाइट्राइड (ScN)" नामक एक नई सामग्री की खोज की है जो अवरक्त प्रकाश को अक्षय ऊर्जा में परिवर्तित कर सकती है।

  • वैज्ञानिकों ने पोलरिटोन उत्तेजन नामक एक वैज्ञानिक विधि का उपयोग किया है, जो अनुरूप सामग्री में होती है इसमें प्रकाश या तो सामूहिक मुक्त इलेक्ट्रॉन दोलनों से या ध्रुवीय जाली कंपन के साथ हल्के रूप में जुड़ जाता है।
  • अवरक्त प्रकाश मानव आंँख को दिखाई देने वाली प्रकाश सीमा से परे है और दृश्य प्रकाश तथा माइक्रोवेव क्षेत्र के बीच (तरंग दैर्ध्य दृश्य प्रकाश से अधिक लंबा है) होता है ।
    • "इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर स्वास्थ्य सेवा, रक्षा और सुरक्षा से ऊर्जा प्रौद्योगिकियों तक इन्फ्रारेड स्रोतों, उत्सर्जक और सेंसरों की बहुत मांग है। स्कैंडियम नाइट्राइड में इंफ्रारेड पोलरिटोन जैसे कई उपकरणों में इसके अनुप्रयोगों को सक्षम बनाएगा।

Reflectivity

सिंगल-क्रिस्टलीय स्कैंडियम नाइट्राइड (ScN):

  • परिचय:
    • इन्फ्रारेड लाइट को उत्सर्जित करने, पता लगाने और संशोधित करने में इसकी उच्च दक्षता है, जो इसे सौर और थर्मल ऊर्जा संचयन के साथ-साथ ऑप्टिकल संचार उपकरणों हेतु उपयोगी बनाती है।
    • वैज्ञानिकों ने पोलरिटोन (एक अर्ध-कण) को उत्तेजित करने और इन्फ्रारेड लाइट का उपयोग करके सिंगल-क्रिस्टलीय स्कैंडियम नाइट्राइड (ScN) में मज़बूत प्रकाश-पदार्थ अंतःक्रिया (Light-Matter Interactions) प्राप्त करने के लिये भौतिक गुणों को सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया है।
  • महत्त्व:
    • चूँकि ScN में ये पोलरिटोन आधुनिक कॉम्पलिमेंट्री-मैटल-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर (CMOS) या Si-चिप तकनीक के साथ भी संगत हैं, इसलिये ऑन-चिप ऑप्टिकल संचार उपकरणों के लिये इसे आसानी से एकीकृत किया जा सकता है।
    • ScN में इन असाधारण पोलरिटोन का उपयोग सौर और थर्मल ऊर्जा संरक्षण में किया जा सकता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2