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शोम्पेन जनजाति ने पहली बार किया अपने मताधिकार का प्रयोग

  • 02 May 2024
  • 2 min read

स्रोत : द हिंदू  

ग्रेट निकोबार द्वीप में रहने वाले विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups - PVTGs) में से एक शोम्पेन जनजाति के 7 सदस्यों ने पहली बार अंडमान और निकोबार लोकसभा क्षेत्र में अपना पहला वोट डाला।

  • वे अत्यधिक अलग-थलग, अर्द्ध-घुमंतू शिकारी-संग्रहकर्त्ता हैं। 2011 की जनगणना के आँकड़ों के अनुसार शोम्पेन जनजाति की अनुमानित जनसंख्या 229 थी।
  • वे अपनी विशिष्ट अनूठी भाषा के लिये जाने जाते हैं, जिसमें विभिन्न बोलियाँ शामिल हैं जिन्हें केवल विशिष्ट क्षेत्र के भीतर ही समझा जाता है।
  • जनजाति की सामाजिक संरचना पितृसत्तात्मक है, जिसमें सबसे बड़ा पुरुष सदस्य पारिवारिक मामलों की देखरेख करता है। इनमें एकल विवाह आम है तथा बहुविवाह भी स्वीकार्य है।
  • अंडमान द्वीपसमूह में पाँच PVTGs निवास कर रहे हैं, वे हैं ग्रेट अंडमानीज़, ज़ारवा, ओंगेस, शोम्पेन और नॉर्थ सेंटिनलीज़।
  • PVTGs को मूल रूप से 1973 में ढेबर आयोग द्वारा आदिम जनजातीय समूह (PTG) के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, बाद में 2006 में भारत सरकार द्वारा इसका नाम बदलकर पीवीटीजी कर दिया गया।

और पढ़ें: विशेष रूप से कमजोर जनजातीय

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