शक्ति (SHAKTI) नीति | 30 Nov 2022
हाल ही में विद्युत मंत्रालय ने शक्ति (भारत में पारदर्शी रूप से कोयले के दोहन और आवंटन योजना/ Scheme for Harnessing and Allocating Koyala Transparently in India/SHAKTI) नीति के B(v) के तहत वित्त, स्वामित्त्व और संचालन (Finance, Own and Operate- FOO) के आधार पर पाँच साल के लिये प्रतिस्पर्द्धी आधार पर 4500 मेगावाट की कुल विद्युत की खरीद हेतु एक योजना शुरू की है।
प्रमुख बिंदु
- योजना के तहत PFC कंसल्टिंग लिमिटेड ने 4,500 मेगावाट की आपूर्ति के लिये बोलियाँ आमंत्रित की हैं।
- PFC कंसल्टिंग लिमिटेड (PFC लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) को विद्युत मंत्रालय द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
- कोयला मंत्रालय से इसके लिये लगभग 27 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) आवंटित करने का अनुरोध किया है।
- इस योजना से विद्युत की कमी का सामना कर रहे राज्यों को मदद मिलने की उम्मीद है और इससे उत्पादन संयंत्रों को अपनी क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
शक्ति नीति:
- परिचय:
- विद्युत मंत्रालय (MoP) ने 2017 में कोल नीति को मंजूरी दी, जिसे शक्ति (भारत में कोयला का दोहन और आवंटन पारदर्शी रूप से दोहन और आवंटन करने की योजना) के रूप में जाना जाता है।
- इस नीति में उन विद्युत संयंत्रों को कोयला लिंकेज प्रदान किये गए हैं जिनके पास कोयला नीलामी के माध्यम से ईंधन आपूत करारों (FSA) की कमी है।
- उद्देश्य:
- शक्ति योजना का उद्देश्य भारत में सभी थर्मल पावर प्लांटों को कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, जो पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण हो।
- यह योजना न केवल बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के लिये, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों हेतु भी फायदेमंद मानी जाती है, जिनके पास विद्युत कंपनियों द्वारा भारी ऋण चुकाया नहीं गया है।
- इस योजना का उद्देश्य आयातित कोयले पर निर्भरता कम करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना भी है।