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असोला भट्टी अभयारण्य में बीज बैंक

  • 04 Apr 2023
  • 8 min read

दिल्ली तथा अन्य राज्यों से बीज (Seed) संग्रह करने के कुछ वर्षों के प्रयासों के बाद अरावली क्षेत्र में पाए जाने वाले देशी पौधों की प्रजातियों हेतु एक 'बीज बैंक’ धीरे-धीरे असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य की एक नर्सरी में आकार ले रहा है।

परियोजना:

  • परिचय: 
    • यह परियोजना वर्ष 2015 में शुरू हुई थी और वन विभाग एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित की जा रही है।
    • असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य नर्सरी देशी घास, पौधों और पेड़ों की 100 से अधिक प्रजातियों को उगा रही है और शहर में एजेंसियों के माध्यम से वृक्षारोपण हेतु पौधे प्रदान करती है।
  • उद्देश्य: 
    • बीज बैंक का उद्देश्य शहर के लिये देशी पौधों की आपूर्ति करना तथा उन प्रजातियों को फिर से पेश करना है जो दुर्लभ  हैं या जिनका पाया जाना कठिन हो गया है।
    • बीज बैंक का उद्देश्य दिल्ली में गायब हो रहे पेड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इन पेड़ों को उगाने में लोगों को सक्षम बनाकर उन्हें उपलब्ध करना और उनकी अवस्थिति का मानचित्रण करना है।
    • प्रतिवर्ष उत्पादन को लगभग 10 लाख पौधों तक बढ़ाने की योजना है। 

बीज बैंक (Seed Bank): 

  • परिचय: 
    • बीज बैंक पादप आनुवंशिक संसाधनों के महत्त्वपूर्ण भंडार हैं।
    • वे विभिन्न पादपों की किस्मों के बीजों का भंडारण करते हैं, ताकि उनकी आनुवंशिक विविधता एवं बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होने की उनकी क्षमता को बनाए रखा जा सके।
    • बीज बैंक अनुसंधान, कृषि और संरक्षण हेतु महत्त्वपूर्ण संसाधनों के रूप में भी काम करते हैं। 
  • भारत का बीज बैंक: 
    • भारत ने लद्दाख, जम्मू और कश्मीर में चांग ला में अपनी बीज भंडारण सुविधा स्थापित की है।
      • इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) के तत्त्वावधान में वर्ष 2010 में डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई-एल्टीट्यूड रिसर्च (DIHAR) एवं नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज़ (NBPGR) द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है।
      • इसमें 5,000 से अधिक बीज परिग्रहणों को संग्रहीत किया गया है (एक परिग्रहण में विभिन्न भौगोलिक और जनसांख्यिकीय क्षेत्रों से एकत्रित विशेष प्रजाति के बीजों का समूह होता है)।
  • विश्व का सबसे बड़ा बीज कोष्‍ठ:  
    • स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट या डूम्सडे वॉल्ट नॉर्वे में स्थित विश्व की सबसे बड़ी बीज भंडारण सुविधा है। 

असोला-भट्टी वन्यजीव अभयारण्य

  • असोला-भट्टी वन्यजीव अभयारण्य दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अरावली पहाड़ी शृंखला के दक्षिणी दिल्ली रिज पर 32.71 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है, इसमें दक्षिणी दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा राज्य के फरीदाबाद एवं गुरुग्राम ज़िलों के उत्तरी हिस्से शामिल हैं।
  • यह सरिस्का-दिल्ली वन्यजीव गलियारे का भी हिस्सा है, जो राजस्थान में सरिस्का टाइगर रिज़र्व से दिल्ली रिज तक विस्तृत है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारत की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के संदर्भ में विभिन्न फसलों की 'बीज प्रतिस्थापन दरों' को बढ़ाने से भविष्य के खाद्य उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। किंतु इसके अपेक्षाकृत बड़े/विस्तृत कार्यान्वयन में क्या बाध्यता है/ बाध्यताएँ हैं? (2014)

  1. कोई भी राष्ट्रीय बीज नीति नहीं बनी है।
  2. निजी क्षेत्र की बीज कंपनियों की उद्यान-कृषि फसलों की रोपण सामग्रियों और सब्जियों के गुणता वाले बीजों की पूर्ति में कोई सहभागिता नहीं है।
  3. निम्न मूल्य एवं उच्च परिमाण वाली फसलों के मामले में गुणता वाले बीजों के बारे में मांग-पूर्ति अंतराल है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) कोई नहीं

उत्तर: (b) 

व्याख्या: 

  • वर्ष 2002 में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय बीज नीति तैयार की, जिसमें बीजों के निर्यात के लिये प्रोत्साहन एवं बीज बैंकों तथा राष्ट्रीय बीज ग्रिड के सृजन के लिये प्रोत्साहन के साथ पौधों की नई और उन्नत किस्मों के विकास, गुणवत्ताप्रद बीजों की समय पर उपलब्धता, बीजों का अनिवार्य पंजीकरण, अवसंरचना सुविधाओं का सृजन, गुणवत्ता आश्वासन, बीज उद्योग को बढ़ावा देने, बीज डीलरों के लिये लाइसेंसिंग समाप्त करने, सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले बीजों के आयात की सुविधा की परिकल्पना की गई थी। अतः कथन 1 सही नहीं है। 
  • बीज नीति के अनुसार, सब्जियों के गुणवत्तापूर्ण बीजों एवं उद्यानिकी फसलों की पौध सामग्री की आपूर्ति में स्थानीय बीज उत्पादन एजेंसियों को शामिल किया गया था। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • बीज प्रतिस्थापन दर (SRR) खेत में बचाए गए बीजों के अतिरिक्त प्रमाणित/गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करके उपयुक्त मौसम में लगाई गई फसल के कुल क्षेत्रफल में से बोए गए क्षेत्र का प्रतिशत है। योजना आयोग ने 10वीं पंचवर्षीय योजना के अपने मध्यावधि मूल्यांकन (2002-07) में बताया कि कुछ राज्यों में कुछ फसलों के लिये SRR 2-10% के भीतर रहा, जो कि 33% के लक्षित SRR से काफी कम था। अतः कथन 3 सही है।
  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की सफलता रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार, भारत ने उच्च उपज वाली किस्म (HYV) के बीज के उत्पादन में सुधार के साथ स्व-परागित फसलों के मामले में 33% SRR हासिल किया है।
  • अतः वर्ष 2002-2007 के आँकड़ों के अनुसार विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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