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पीज़ोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकंपोज़िट पर आधारित सिक्योरिटी अलर्ट प्रणाली

  • 30 Aug 2024
  • 9 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज़ (CeNS) और नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (CSIR-NCL), पुणे के शोधकर्त्ताओं ने दाब संवेदन (Pressure Sensing) और ऊर्जा संचयन के लिये एक नया पीज़ोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकंपोज़िट विकसित किया है।

  • यह यांत्रिक ऊर्जा को कुशलतापूर्वक विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकता है, जिससे ऊर्जा संचयन और दाब संवेदन में अनुप्रयोगों के लिये नए मार्ग खुल सकते हैं।

पीज़ोइलेक्ट्रिक पॉलिमर नैनोकंपोज़िट क्या हैं?

  • पीज़ोइलेक्ट्रिक पदार्थ/प्रभाव:
    • पीज़ोइलेक्ट्रिक पदार्थ ऐसे पदार्थ हैं, जिन पर यांत्रिक दबाव आरोपित करने पर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं। जब ऐसे पदार्थों पर दाब डाला जाता है, तो धनात्मक और ऋणात्मक आवेशों के केंद्र स्थानांतरित हो जाते हैं, जिससे बाह्य विद्युत क्षेत्र का निर्माण होता है।
    • उदाहरण:
      • प्राकृतिक पदार्थ: क्वार्ट्ज़, पुखराज़ और टूमलाइन।
      • जैविक पदार्थ: रेशम, लकड़ी और हड्डी।
      • सिरेमिक: लेड ज़रकोनेट टाइटेनेट (PZT) और बेरियम टाइटेनेट (BT) 
      • पॉलिमर: PVDF और PVDF-TrFE 
      • फेरोइलेक्ट्रिक/लौहविद्युत पदार्थ: बेरियम टाइटेनेट (BaTiO3) यांत्रिक दाब के बिना विद्युत आवेश उत्पन्न करता है।
    • अनुप्रयोग:
      • पीज़ोइलेक्ट्रिक पदार्थों का प्रयोग विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिसमें माइक्रोफोन, तार वाले उपकरणों के लिये इलेक्ट्रिक पिकअप, सेंसर, एक्ट्यूएटर, आवृत्ति मानक, पीज़ोइलेक्ट्रिक मोटर और नॉइज़ व वाइब्रेशन रिडक्शन आदि शामिल हैं।
  • बहुलक/पॉलीमर:
    • बहुलक एक बड़ा अणु है, जो सह-संयोजक बंधों द्वारा जुड़ी हुई उप-इकाइयों, जिन्हें एकलक/मोनोमर कहा जाता है, की शृंखलाओं या वलयों से बना होता है। उच्च आणविक द्रव्यमान के कारण सामान्यतः इनके उच्च गलनांक और क्वथनांक होते हैं।  
      • प्राकृतिक बहुलक में रेशम और DNA शामिल हैं, जबकि नायलॉन एवं पॉलीइथिलीन जैसे सिंथेटिक पॉलिमर हाइड्रो-कार्बन या जैव-आधारित स्रोतों से बनाए जाते हैं।
  • पीज़ोइलेक्ट्रिक बहुलक:
    • ये ऐसे बहुलक हैं, जो दाब में अपनी सतह पर विद्युत आवेश उत्पन्न कर सकते हैं और इस प्रकार यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकते हैं।
    • उदाहरण: पॉली (विनाइलिडीन फ्लोराइड), जिसे PVDF, पॉली(विनाइलिडीन फ्लोराइड-ट्राइफ्लोरोइथिलीन) को-पॉलीमर या P(VDF-TrFE) के रूप में भी जाना जाता है।
  • बहुलक नैनोकंपोज़िट्स: ये बहुलक मैट्रिक्स से बने पदार्थ हैं, जिन्हें नैनोमीटर आकार के योजकों के छोटे प्रतिशत के साथ संयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य पॉलिमर के यांत्रिक, तापीय और विद्युतीय गुणों को बढ़ाना होता है।
    • नैनोमटेरियल वह पदार्थ है, जिसके संरचनात्मक घटक नैनोमीटर पैमाने पर कम-से-कम एक आयाम अर्थात् 1-100 nm के होते हैं।
    • नैनोकंपोज़िट दो या दो से अधिक विभिन्न पदार्थों से बना एक ठोस पदार्थ है, जिसमें से कम-से-कम एक पदार्थ का आयाम नैनोस्केल श्रेणी, विशेष रूप से 1 nm और 3 nm के बीच में होता है।

अध्ययन के विषय में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय:
    • शोधकर्त्ताओं का उद्देश्य यह अध्ययन करना था कि ज़रकोनिया नैनोकणों की विभिन्न क्रिस्टल संरचनाएँ मिश्रित सामग्री की पीज़ोइलेक्ट्रिक क्षमताओं को किस प्रकार प्रभावित करती हैं।
  • प्रक्रिया:
    • शोधकर्त्ताओं ने दो प्रकार के ज़रकोनिया आधारित धातु-कार्बनिक ढाँचे (Metal-Organic Frameworks- MOF) (UiO-66 और UiO-67) बनाए और उन्हें जिरकोनिया नैनोकणों में परिवर्तित किया।
      • धातु-कार्बनिक ढाँचे (MOF) क्रिस्टलीय पदार्थ होते हैं, जो धातु आयनों या समूहों से बने होते हैं और कठोर कार्बनिक अणुओं से जुड़े होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक-विमीय, द्वि-विमीय या त्रि-विमीय संरंध्र संरचनाएँ बनती हैं।
    • फिर इन नैनोकणों को पॉली (विनाइलिडीन डाइफ्लोराइड- PVDF) नामक पीज़ोइलेक्ट्रिक पॉलिमर के साथ मिश्रित करके पॉलिमर नैनोकम्पोज़िट फिल्में बनाई जाती हैं।
  • निष्कर्ष:
    • शोधकर्त्ताओं ने पाया कि नैनोकणों के पृष्ठीय गुण और क्रिस्टल संरचना ने पॉलिमर के पीज़ोइलेक्ट्रिक गुण को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।
  • व्यावहारिक अनुप्रयोग:
    • सुरक्षा चेतावनी प्रणाली: ब्लूटूथ-आधारित सुरक्षा चेतावनी प्रणाली में एक पीज़ोइलेक्ट्रिक फुटपाथ प्रोटोटाइप का प्रयोग किया जाता है, जो पैरों के निशान (Footsteps) से वोल्टेज उत्पन्न करती है। 
      • यदि अनधिकृत प्रवेश का पता चलता है, तो सिस्टम सक्रिय हो जाता है और ब्लूटूथ के माध्यम से कनेक्टेड डिवाइस, जैसे कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर अलर्ट भेजता है।
    • विद्युत उत्पादन: प्रोटोटाइप यांत्रिक ऊर्जा इनपुट से विद्युत ऊर्जा भी उत्पन्न कर सकता है।
      • यह सुविधा विशेष रूप से स्मार्ट शहरों और स्वचालित सुरक्षा प्रणालियों में ऊर्जा उपयोग की दक्षता बढ़ाने में लाभदायक है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)

  1. परासूक्ष्मकण (नैनोपार्टिकल्स), मानव-निर्मित होने के सिवाय, प्रकृति में अस्तित्त्व में नहीं हैं। 
  2. कुछ धात्विक ऑक्साइडों के परासूक्ष्मकण, प्रसाधन-सामग्री (कॉस्मेटिक्स) के निर्माण में काम आते हैं। 
  3. कुछ वाणिज्यिक उत्पादों के परासूक्ष्मकण, जो पर्यावरण में आ जाते हैं, मनुष्यों के लिये असुरक्षित हैं।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 3
(c) 1 और 2
(d) 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न. विभिन्न उत्पादों के विनिर्माण में उद्योग द्वारा प्रयुक्त होने वाले कुछ रासायनिक तत्त्वों के नैनो-कणों के बारे में कुछ चिंता है। क्यों? (2014)

  1. वे पर्यावरण में संचित हो सकते हैं तथा जल और मृदा को संदूषित कर सकते हैं। 
  2. वे खाद्य शृंखलाओं में प्रविष्ट हो सकते हैं। 
  3. वे मुक्त मूलकों के उत्पादन को विमोचित कर सकते हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

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