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सर्वोच्च न्यायालय उपभोक्ता न्यायालय के 1995 के आदेश की समीक्षा करेगा

  • 22 May 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत वकीलों के दायित्व को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने हालिया फैसले में कहा गया है कि वह चिकित्सा पेशेवरों के संबंध में 1995 के फैसले पर पुनर्विचार करेगा।

  • हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत वकील उत्तरदायी नहीं हैं, जो चिकित्सा पेशेवरों के संबंध में 1995 के फैसले का खंडन करता है।
  • 1995 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनाम वी.पी. शांता के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि चिकित्सा पेशेवर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में परिभाषित "सेवा" प्रदान करते हैं और दोषपूर्ण सेवा प्रदान करने के लिये उपभोक्ता न्यायालय (Consumer Court) में मुकदमा दायर किया जा सकता है।
  • 1995 के फैसले को अब वकीलों पर आए हालिया फैसले पर पुनर्विचार के लिये एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया गया है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 वर्ष 1986 के अधिनियम का स्थान लेता है। यह उपभोक्ता संरक्षण (Consumer Protections)  को सक्रिय रूप से बढ़ाना, और उसे लागू करने के लिये केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority- CCPA) की स्थापना करता है।

और पढ़ें: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019

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