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सतनामी विरोध

  • 14 Jun 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में छत्तीसगढ़ के बलौदा बाज़ार ज़िले में सतनामी समुदाय की भीड़ ने पुलिस अधीक्षक (Superintendence of Police) कार्यालय पर हमला किया। इस हमले का कारण कथित तौर पर ‘जैतखंभ’ (विजय स्तंभ, सतनामी समुदाय के लिये एक पवित्र संरचना) को तोड़ दिया गया।

सतनामी समुदाय:

  • यह छत्तीसगढ़ में किसानों, कारीगरों और अछूतों सहित सबसे बड़ा अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) समुदाय है।
  • इसकी स्थापना 19वीं सदी के संत गुरु घासीदास ने की थी, जिन्होंने एकेश्वरवाद का प्रचार किया था, सतनाम ("सत्य नाम" नामक एक ईश्वर और सामाजिक समानता) में विश्वास किया था।
  • उन्हें भूमि अधिकार प्राप्त करने, उचित रोज़गार के अवसर प्राप्त करने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच बनाने में चुनौतियों एवं सामाजिक पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ा है तथा सरकार में उनकी आवाज़ नहीं उठ पाई है।
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके सम्मान में संजय-डुबरी टाइगर रिज़र्व के एक हिस्से का नाम बदलकर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कर दिया।

और पढ़ें: छत्तीसगढ़ में विरोध प्रदर्शन

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