प्रारंभिक परीक्षा
वर्ष 2022 और 2023 के संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप एवं पुरस्कार
- 09 Mar 2024
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स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारत की राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में वर्ष 2022 और 2023 के लिये संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप एवं पुरस्कार प्रदान किये।
संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप एवं पुरस्कार क्या हैं?
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप:
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न सदस्यता) SNA द्वारा प्रदान किया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है।
- इस फैलोशिप के लिये संगीत, नृत्य और नाटक के क्षेत्र में शीर्षस्थ व्यक्तियों पर विचार किया जाता है। हालाँकि मानदंड निर्धारण के अनुसार 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों पर आमतौर पर इस सम्मान के लिये विचार नहीं किया जाता है।
- अकादमी फैलोशिप में 3.00 लाख रुपए की पर्स मनी, एक ताम्रपत्र (ताम्र पट्टिका) और एक अंगवस्त्रम (शॉल) शामिल है।
- फैलोशिप के लिये सिफारिशें अकादमी के वर्तमान अध्येताओं और अकादमी की सामान्य परिषद् के सदस्यों से प्राप्त की जाती हैं।
- प्रारंभ में वर्ष 2008 तक फैलोशिप में 30 रिक्तियाँ थीं। वर्ष 2010 में जनरल काउंसिल ने 10 और रिक्तियाँ जोड़ने के लिये नियमों में संशोधन किया, जिन्हें पाँच वर्षों में भरा जाना था तथा सालाना दो रिक्तियाँ जोड़ी गईं।
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न सदस्यता) SNA द्वारा प्रदान किया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है।
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार:
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों का 70 वर्षों से अधिक प्राचीन व समृद्ध इतिहास है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य संगीत, नृत्य और नाटक के क्षेत्र में कला रूपों में देश की सर्वोच्च उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करने वाले अभ्यासकर्त्ताओं, गुरुओं तथा विद्वानों को सम्मानित करना है।
- हिंदुस्तानी और कर्नाटक संगीत में यह पुरस्कार अकादमी की स्थापना से पहले ही वर्ष 1951 में शुरू किये गए थे।
- प्रारंभ में इसे राष्ट्रपति पुरस्कारों के रूप में जाना जाता था, बाद में अकादमी के गठन के बाद उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार कहा जाने लगा।
- प्रत्येक पुरस्कार में 1 लाख रुपए की नकद राशि, एक ताम्रपत्र (ताम्र पट्टिका) और एक अंगवस्त्रम (शॉल) शामिल है।
- वर्तमान में, प्रतिवर्ष प्रदान किये जाने वाले पुरस्कारों की संख्या 41 है और अब तक 1298 से अधिक कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
संगीत नाटक अकादमी
- वर्ष 1953 में स्थापित संगीत नाटक अकादमी, संगीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से व्यक्त समृद्ध अमूर्त विरासत के संरक्षण तथा प्रचार के लिये समर्पित भारत में शीर्ष निकाय है।
- इसे वर्ष 1952 में डॉ. पी.वी. की अध्यक्षता में (तत्कालीन) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा बनाया गया था। राजमन्नार इसके पहले अध्यक्ष थे।
- अकादमी का प्रबंधन इसकी सामान्य परिषद द्वारा किया जाता है, जिसके अध्यक्ष को पाँच वर्ष के कार्यकाल के लिये भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- अकादमी का पंजीकृत कार्यालय रविंद्र भवन, नई दिल्ली में स्थित है। संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करते हुए, संगीत नाटक अकादमी भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- SNA नृत्य, संगीत और थियेटर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 40 वर्ष से कम आयु के कलाकारों को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्रदान करता है। यह पुरस्कार वर्ष 2006 में शुरू किया गया था। SNA के अध्यक्ष द्वारा विजेता को 25,000 रुपए की धनराशि सहित एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम प्रदान किया जाता है।
- वर्तमान में 100 से अधिक दुर्लभ कला रूप जो विलुप्त होने के कगार पर थे, उन्हें अकादमी द्वारा 'कला दीक्षा' के नाम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पुनर्जीवित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |