SAI20 शिखर सम्मेलन | 14 Jun 2023
भारत के G20 प्रेसीडेंसी के तहत SAI20 शिखर सम्मेलन भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के नेतृत्व में गोवा में शुरू हुआ।
- शिखर सम्मेलन ब्लू इकॉनमी और रिस्पॉन्सिबल AI पर प्राथमिकताएँ तय करने, सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (SAIs) (भारत का SAI CAG है) के बीच सहयोग और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित था।
प्रमुख बिंदु
- प्राथमिकता वाले क्षेत्र:
- SAI20 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में "ब्लू इकॉनमी " और "रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" शामिल हैं जो नए युग के अवसरों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- ये क्षेत्र SAI के बीच वास्तविक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
- ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण के लिये SAI के बीच घनिष्ठ सहयोग आवश्यक है।
- SAI20 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में "ब्लू इकॉनमी " और "रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" शामिल हैं जो नए युग के अवसरों और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- नीली अर्थव्यवस्था में उत्कृष्टता केंद्र:
- SAI भारत के अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण लेखा परीक्षण और सतत् विकास केंद्र (iCED) में ब्लू इकॉनमी में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
- इसका उद्देश्य एक उत्कृष्टता केंद्र बनाना है जो अनुसंधान को बढ़ावा दे और SAI के बीच ज्ञान साझा करने तथा क्षमता निर्माण के लिये उत्प्रेरक के रूप में कार्य करे।
- ब्लू इकॉनमी और रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर संग्रह:
- विभिन्न सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों के समर्थन और योगदान के परिणामस्वरूप नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनमी) तथा रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दो सार-संग्रह प्रकाशित किये गए हैं।
- सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों की भूमिका:
- नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनमी) और रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ऑडिट उनकी सर्वव्यापी, बचत करने की प्रवृति के कारण उभरती हुई तकनीक तथा उपयोग के कारण चुनौतीपूर्ण है।
- सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु ब्लू इकॉनमी और रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ऑडिट में SAI की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
भारत का नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG):
- परिचय:
- संवैधानिक निकाय: अनुच्छेद 148 CAG के एक स्वतंत्र कार्यालय का प्रावधान करता है। यह भारत की सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था है।
- जनता के धन का संरक्षक और केंद्र एवं राज्य दोनों स्तरों पर देश की संपूर्ण वित्तीय प्रणाली को नियंत्रित करता है।
- वित्तीय प्रशासन के क्षेत्र में संसद के प्रति कार्यपालिका (अर्थात् मंत्रिपरिषद) की जवाबदेही CAG की लेखापरीक्षा रिपोर्टों के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है।
- नियुक्ति:
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर और मुहर के तहत एक वारंट द्वारा उसकी नियुक्ति की जाती है।
- कार्यकाल:
- छह वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो।
- पदस्थ किये जाने की प्रक्रिया:
- राष्ट्रपति CAG को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाए जाने की समान प्रक्रिया द्वारा हटा सकता है। वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपना पद धारण नहीं करता है।
- अन्य संबंधित बिंदु:
- अपना पद छोड़ने के बाद वह किसी अन्य कार्यालय के लिये पात्र नहीं होगा, चाहे वह भारत सरकार में हो या किसी राज्य में।
- वेतन और अन्य सेवा शर्तें संसद द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
- कोई भी मंत्री संसद में CAG का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।
- हालिया विकास:
- भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू को वर्ष 2024 से 2027 तक चार वर्ष की अवधि के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), जिनेवा के बाह्य लेखा परीक्षक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है। CAG ने वर्ष 2019 से 2023 तक WHO में यह पद संभाला है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से किस एक समूह में चारों देश G-20 के सदस्य हैं? (a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की उत्तर: (a) व्याख्या:
अतः विकल्प (a) सही है। |