कोयला विद्युत संयंत्रों हेतु FGD नियमों की समीक्षा | 19 Apr 2025

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

चर्चा में क्यों?

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय द्वारा कराए गए एक अध्ययन में वर्ष 2015 के उस आदेश को वापस लेने की सिफारिश की गई थी, जिसके तहत भारतीय कोयला आधारित संयंत्रों में फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (FGD) प्रणाली स्थापित करना अनिवार्य किया गया था।

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने वर्ष 2015 में भारत के सभी 537 कोयला आधारित संयंत्रों को सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) उत्सर्जन को कम करने के लिये FGD प्रणाली स्थापित करने का आदेश दिया था।  
  • वर्ष 2022 की अधिसूचना के अनुसार, कार्यान्वयन में देरी के आधार पर गैर-अनुपालन के लिये दंड में वृद्धि की जाएगी। जुर्माना प्रति यूनिट विद्युत खपत के आधार पर लगाया जाता है, तथा अधिक देरी के लिये अधिक शुल्क लिया जाता है।

फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (FGD) क्या है?

  • FGD के बारे में: FGD एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल) से उत्पन्न निकास गैसों (फ्लू गैस) से सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) को अलग किया जाता है।
    • इसका उपयोग आमतौर पर कोयला आधारित विद्युत् स्टेशनों में किया जाता है।
    • प्रयुक्त सामान्य अभिकर्मकों में चूना पत्थर (CaCO₃), चूना (CaO) और अमोनिया (NH₃) शामिल हैं।
  • उद्देश्य: कोयले में सल्फर होता है, जिसके जलने पर उच्च SO₂ उत्सर्जन होता है, और अम्लीय वर्षा होती है ।
    • FGD निकास गैसों को शुद्ध कर अम्लीय वर्षा को रोकता है, जो फसलों, बुनियादी ढाँचे, मिट्टी और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचाती है।

  • प्रकार: FGD प्रणालियाँ मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं:
    • ड्राइ सोरबेंट इंजेक्शन: यह धूल नियंत्रण प्रणालियों से पहले फ्लू गैस से SO₂ को अलग करने के लिये चूना पत्थर का उपयोग करता है, जिसे अक्सर शुष्क इंजेक्शन या स्प्रे सुखाने प्रणाली के रूप में जाना जाता है।
    • वेट लाइम स्टोन बेस्ड सिस्टम: यह बड़े पैमाने पर फ्लू गैस उपचार के लिये उपयुक्त है, जिसमें SO₂ को कुशलतापूर्वक हटाने और जिप्सम का उत्पादन करने के लिये कम लागत वाले चूना पत्थर का उपयोग किया जाता है।
    • सी वाटर बेस्ड सिस्टम (समुद्री जल-आधारित प्रणाली): यह SO₂ को 70-95% तक कम करने के लिये क्षारीय समुद्री जल का उपयोग करती है। इसका उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब उत्सर्जन मानदंड कम कड़े होते हैं और कम प्रारंभिक लागत प्रदान करते हैं।

FGD स्थापना के अध्ययन के निष्कर्ष?

FGD स्थापना नीति के समक्ष चुनौतियाँ:

  • उच्च लागत: महंगा: FGD स्थापित करने की लागत 1.2 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट है, जो भारत की 218,000 मेगावाट की कोयला क्षमता पर अतिरिक्त बोझ डालती है, जिसके वर्ष 2032 तक बढ़कर 283,000 मेगावाट होने की उम्मीद है।
  • निम्न सल्फर सामग्री: 92% भारतीय कोयले में निम्न सल्फर सामग्री (0.3%-0.5%) है, जिससे FGD कम महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
  • मौजूदा प्रदूषण नियंत्रण मानदंड: ताप विद्युत संयंत्रों की स्टैक हाइट (220 मीटर) तथा भारत की जलवायु पहले से ही SO2 उत्सर्जन को कम करती है, जिससे स्थानीय वायु गुणवत्ता संबंधी खतरों को रोका जा रहा है।
  • न्यूनतम अम्लीय वर्षा का खतरा: IIT-दिल्ली के वर्ष 2024 के अध्ययन (वर्तमान शोध में उद्धृत) में पाया गया कि भारत में अम्लीय वर्षा "कोई महत्त्वपूर्ण मुद्दा नहीं" है।
  • जलवायु प्रभाव: ऊर्जा-गहन FGD प्रक्रियाओं से SO₂ में केवल 17 मिलियन टन की कमी के साथ अतिरिक्त 69 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जन (2025-30) होगा।
    • SO₂ का वैश्विक तापमान पर अल्पकालिक शीतलन प्रभाव पड़ता है, इसे अलग करने और CO₂ में वृद्धि से जलवायु परिवर्तन और भी अधिक प्रभावित होगा।
    • अध्ययन में तर्क दिया गया है कि SO2 उत्सर्जन 1850-1900 के सापेक्ष 2010-2019 तक 0.5°C वैश्विक तापमान वृद्धि को संतुलित करता है।
  • खराब अनुपालन: समय सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद, 2018 तक केवल 8 प्रतिशत कोयला संयंत्रों ने ही FGD स्थापित किया है।
  • जबकि 260 संयंत्रों ने अभी तक ऑर्डर नहीं दिया है, 230 संयंत्र वर्तमान में FGD स्थापित कर रहे हैं।

अध्ययन की सिफारिशें:

  • अध्ययन में भारतीय कोयले में राख की उच्च मात्रा के कारण होने वाले पार्टिकुलेट मैटर (PM) प्रदूषण से निपटने का सुझाव दिया गया है।
    • इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर (ESP) मात्र 25 लाख रुपए प्रति मेगावाट की लागत से पीएम प्रदूषण को 99% तक कम कर सकता है।
  • अध्ययन में सिफारिश की गई है कि FGD प्रणाली केवल उन संयंत्रों पर लागू होनी चाहिये, जो आयातित कोयले या उच्च (>0.5%) सल्फर कोयले का उपयोग करते हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)   

प्रारंभिक

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन से कारक/कारण बेंजीन प्रदूषण उत्पन्न करते हैं? (2020)

  1. स्वचालित वाहन द्वारा निष्कासित पदार्थ 
  2.  तंबाकू का धुआँ
  3.  लकड़ी जलना
  4.  रोगन किये गए लकड़ी के फर्नीचर का उपयोग
  5.  पॉलीयुरेथेन से बने उत्पादों का उपयोग करना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(A) केवल 1, 2 और 3                 
(B) केवल 2 और 4
(C) केवल 1, 3 और 4
(D) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: A