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भारत में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण

  • 17 Apr 2025
  • 4 min read

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

भारत के महापंजीयक (RGI) ने सरकारी और निजी अस्पतालों को जन्म और मृत्यु की सूचना शीघ्र देने की सलाह दी है। RGI के अनुसार 90% पंजीकरण दर के बावजूद, अनेक संस्थाएँ अनिवार्य 21-दिन की अवधि के भीतर रिपोर्ट करने में विफल रहती हैं, जिससे 100% सार्व पंजीकरण का लक्ष्य प्रभावित होता है।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण के संबंध में क्या प्रावधान हैं?

  • अनिवार्य पंजीकरण: जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 (2023 में संशोधित) के अनुसार, सभी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण होना चाहिये। पंजीकरण घटना के स्थान पर ही किया जाना चाहिये।
  • पंजीकरण अधिकारी: RGI राष्ट्रीय पंजीकरण की देखरेख करता है, जबकि मुख्य रजिस्ट्रार और ज़िला रजिस्ट्रार राज्य और ज़िला स्तर पर कार्यान्वयन का प्रबंधन करते हैं। स्थानीय रजिस्ट्रार जन्म और मृत्यु पंजीकरण और प्रमाण पत्र संबंधी दायित्वों का निर्वहन करते हैं।
  • नागरिक पंजीकरण प्रणाली: RBD अधिनियम, 1969 में यह अनिवार्य किया गया है कि अक्तूबर 2023 से सभी पंजीकरण CRS के माध्यम से डिजिटल रूप से किया जाना होगा।
  • सूचना देने की समयावधि: जन्म, मृत्यु अथवा मृत जन्म (गर्भावस्था के 28 सप्ताह के बाद, लेकिन जन्म से पहले अथवा जन्म के दौरान भ्रूण की मृत्यु) की सूचना देने के लिये निर्धारित समय-सीमा घटना की तारीख से 21 दिनों के भीतर है। 21 दिनों के बाद विलंब शुल्क देय होता है।
  • भारत के बाहर जन्म और मृत्यु (भारतीय नागरिकों के लिये): भारत के बाहर जन्मे बच्चे को नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिक (भारतीय वाणिज्य दूतावासों में पंजीकरण) नियम, 1956 के तहत अपना जन्म पंजीकृत कराना होगा। 
    • हालाँकि, RBD अधिनियम की धारा 20 के तहत, यदि माता-पिता बसने के इरादे से भारत लौटते हैं, तो बच्चे के भारत आने के 60 दिनों के भीतर जन्म का पंजीकरण कराया जा सकता है।
    • विदेश में भारतीय नागरिकों की मृत्यु नागरिकता अधिनियम, 1955 के अंतर्गत भारतीय वाणिज्य दूतावास में पंजीकृत की जाती है, तथा RBD अधिनियम, 1969 के अंतर्गत वैध मानी जाती है।
  • गैर-अनुपालन के लिये ज़ुर्माना: RBD अधिनियम के तहत, रजिस्ट्रार द्वारा कार्यक्रमों के पंजीकरण में लापरवाही बरतने पर 1,000 रुपए तक का ज़ुर्माना लगाया जा सकता है।

भारत के महापंजीयक

  • गृह मंत्रालय के अधीन वर्ष 1949 में स्थापित RGI, भारत की दशकीय जनगणना और भारतीय भाषाई सर्वेक्षण सहित  जनसंख्या डेटा संग्रह की देखरेख के लिये ज़िम्मेदार है।
  • RGI RBD अधिनियम, 1969 के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करता है, और निरंतर जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिये CRS का प्रबंधन करता है।
  • RGI का नेतृत्व एक वरिष्ठ सिविल सेवक करता है, जो आमतौर पर संयुक्त सचिव स्तर का होता है, RGI जनसांख्यिकीय योजना और नीति निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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