जम्मू-कश्मीर में शरणार्थियों को मिला भूमि का स्वामित्व | 05 Aug 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में जम्मू और कश्मीर (J&K) सरकार ने पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थियों (West Pakistan Refugees- WPR) तथा वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान विस्थापित व्यक्तियों को मालिकाना अधिकार प्रदान किये।
- पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी (WPR) वे व्यक्ति हैं जो वर्ष 1947 में विभाजन के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान से तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य (अब केंद्रशासित प्रदेश) में चले आए थे और मुख्य रूप से जम्मू संभाग के जम्मू, कठुआ तथा राजौरी ज़िलों में बस गए थे।
- यह निर्णय क्षेत्र में विधानसभा चुनाव कराने के लिये सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित 30 सितंबर, 2024 की समय-सीमा से पहले लिया गया।
- विस्थापितों को राज्य की भूमि पर अधिकार प्रदान करके भेदभाव समाप्त हो गया तथा उनके अधिकारों को पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (Pakistan Occupied Jammu and Kashmir- PoJK) से विस्थापित व्यक्तियों के अधिकारों के समान कर दिया गया।
- इससे पहले, WPR परिवारों को "गैर-राज्य विषय" माना जाता था और वर्ष 1947 के विभाजन के समय निवासी नहीं होने के कारण वे जम्मू तथा कश्मीर में मत नहीं दे सकते थे।
- 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद उन्हें अधिवास का दर्जा और मतदान का अधिकार दिया गया।
अधिक पढ़ें: अनुच्छेद 370 हटाने पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय।