प्रारंभिक परीक्षा
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
- 04 Dec 2024
- 6 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने लोकसभा में स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और दूध उत्पादन को बढ़ाने में राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission-RGM) की भूमिका पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है?
- परिचय: इसे दिसंबर 2014 से स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिये लागू किया गया है।
- यह योजना 2400 करोड़ रुपए के बजट परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से 2026 तक एकछत्र योजना राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत भी जारी है।
- आवश्यकता: पुंगनूर (आंध्र प्रदेश) जैसी स्वदेशी गोजातीय नस्लों की गिरावट से बहुमूल्य आनुवंशिक संसाधनों को खतरा है। ये नस्लें जलवायु के प्रति लचीली हैं, उच्च गुणवत्ता वाला दूध देती हैं और स्थानीय वातावरण के अनुकूल ढल जाती हैं, जिससे संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश पड़ता है।
- उद्देश्य: RGM का उद्देश्य गोजातीय उत्पादकता को बढ़ावा देना, उच्च गुणवत्ता वाले प्रजनन को बढ़ावा देना, कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination- AI) सेवाओं को मजबूत करना है।
- RGM के घटक:
- उच्च आनुवंशिक योग्यता: संतान परीक्षण, वंशावली चयन और जीनोमिक चयन तथा जर्मप्लाज़्म आयात के माध्यम से बैल उत्पादन के माध्यम से आनुवंशिक योग्यता को बढ़ाता है।
- यह वीर्य केंद्रों को सुदृढ़ करता है, सुनिश्चित गर्भधारण के लिये इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (in Vitro Fertilization- IVF) प्रौद्योगिकी को क्रियान्वित करता है, तथा पशुधन में आनुवंशिक सुधार हेतु नस्ल गुणन फार्मों की स्थापना करता है।
- कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क: देश भर में कृत्रिम गर्भाधान तक पहुँच बढ़ाने के लिये ग्रामीण भारत में बहुउद्देशीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (MAITRIs) की स्थापना को बढ़ावा देना।
- RGM डेटा प्रबंधन और सेवा वितरण में सुधार के लिये राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन को क्रियान्वित करता है।
- देशी नस्लों का संरक्षण : देशी मवेशियों की देखभाल और संरक्षण के लिये गौशालाओं को समर्थन।
- कौशल विकास और जागरूकता: क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना, किसानों में जागरूकता बढ़ाना और गोजातीय प्रजनन में अनुसंधान और नवाचार का समर्थन करना।
- वित्तपोषण स्वरूप: RGM के घटकों को बड़े पैमाने पर 100% अनुदान सहायता के आधार पर वित्त पोषित किया जाता है, जिसमें कुछ विशिष्ट घटकों में आंशिक सब्सिडी शामिल होती है (जैसे, IVF गर्भधारण, लिंग वर्गीकृत वीर्य, नस्ल गुणन फार्म)।
- RGM के अंतर्गत प्रमुख पहल:
- गोकुल ग्राम: देशी गाय, देशी नस्लों के संवर्द्धन और संरक्षण के लिये गोकुल ग्राम कहलाते हैं।
- किसानों के लिये पुरस्कार: देशी मवेशियों और पशुपालकों के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिये गोपाल रत्न पुरस्कार और कामधेनु पुरस्कार।
- राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र: देशी नस्लों के वैज्ञानिक संरक्षण और विकास के लिये एक केंद्र। यह देश की देशी नस्लों के जर्मप्लाज्म (आनुवांशिक सामग्री) के राष्ट्रीय भंडार के रूप में कार्य करता है।
- ई-पशु हाट - नकुल प्रजन बाज़ार: प्रजनकों और किसानों को जोड़ने वाला एक ई-मार्केट पोर्टल।
- राष्ट्रीय बोवाइन जीनोमिक केंद्र: जीन-आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उच्च-योग्यता वाले बैलों का चयन करने के लिये जीनोमिक संवर्द्धन हेतु एक केंद्र।
कृत्रिम गर्भाधान
- कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination- AI) एक प्रजनन तकनीक है जिसमें गर्भधारण हेतु शुक्राणु को मादा के गर्भाशय में मैन्युअल रूप से प्रवेश कराया जाता है।
पशुधन क्षेत्र से संबंधित अन्य पहल
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न : वर्तमान में वैज्ञानिक गुणसूत्र पर जीन या डीएनए अनुक्रमों की व्यवस्था या सापेक्ष स्थिति निर्धारित कर सकते हैं। यह ज्ञान हमें कैसे लाभ पहुँचाता है? (2011)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) |