विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31 मई, 2022
- 31 May 2022
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'विश्व तंबाकू निषेध दिवस'
प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और वैश्विक साझेदारों द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस (WNTD) मनाया जाता है। इस वर्ष ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ की थीम है– ‘पर्यावरण की रक्षा करें’। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य तंबाकू के हानिकारक उपयोग एवं प्रभाव के विषय में जागरूकता का प्रसार करना तथा तंबाकू के किसी भी रूप में उपयोग को हतोत्साहित करना है। सर्वप्रथम वर्ष 1987 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने 7 अप्रैल को ‘विश्व धूम्रपान निषेध दिवस’ के रूप में घोषित किया था। इसके पश्चात् वर्ष 1988 में प्रतिवर्ष 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का आह्वान करते एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस वार्षिक उत्सव के आयोजन का उद्देश्य न केवल तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करना है, बल्कि तंबाकू कंपनियों के व्यावसायिक प्रथागत विकास को भी हतोत्साहित करना है। तब से इस दिन दुनिया भर में तंबाकू और इसके सेवन के घातक परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये अभियान चलाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के शिकार हो जाते हैं।
हिंदी पत्रकारिता दिवस
देश भर में प्रत्येक वर्ष 30 मई को ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस भारतीय पत्रकारों खासतौर पर हिंदी भाषी पत्रकारों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है, साथ ही यह दिवस समाज के विकास में पत्रकारों के योगदान और पारदर्शिता तथा उत्तरदायित्व निर्धारण में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है। 30 मई, 1826 में पंडित युगल किशोर शुक्ल ने हिंदी के प्रथम समाचार पत्र ‘उदंत मार्तण्ड' के प्रकाशन का शुभारंभ किया था। ‘उदंत मार्तण्ड’ का शाब्दिक अर्थ है ‘समाचार-सूर्य‘। ‘उदंत मार्तण्ड' का प्रकाशन प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को किया जाता था। पुस्तक के आकार में छपने वाले ‘उदंत मार्तण्ड' के केवल 79 अंक ही प्रकाशित हो सके और दिसंबर 1827 में वित्तीय संसाधनों के अभाव में इसका प्रकाशन बंद हो गया। इस समाचार पत्र में ब्रज और खड़ी बोली दोनों भाषाओं के मिश्रित रूप का प्रयोग किया जाता था, जिसे इस पत्र के संचालक ‘मध्यदेशीय भाषा’ कहते थे। कानपुर के रहने वाले पंडित युगल किशोर शुक्ल पेशे से एक वकील थे और औपनिवेशिक ब्रिटिश भारत में वकील के तौर पर कलकत्ता में कार्य कर रहे थे। इतिहासकार पंडित युगल किशोर शुक्ल को भारतीय पत्रकारिता का जनक मानते हैं। वहीं बंगाल से हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत का श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है। हिंदी पत्रकारिता ने इतिहास में एक लंबा सफर तय किया है। 1826 ई. में पंडित युगल किशोर शुक्ल ने जब पत्रकारिता की शुरुआत की थी, तब यह कल्पना करना मुश्किल था कि भारत में पत्रकारिता भविष्य में इतना लंबा सफर तय करेगी।
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक अंतर्राष्ट्रीय दिवस
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 29 मई को ‘संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य शांति स्थापना के लिये शहीद हुए सैनिकों को याद करना एवं उनका सम्मान करना है। आधिकारिक सूचना के मुताबिक, बीते वर्ष विभिन्न अभियानों में संयुक्त राष्ट्र के 130 शांति सैनिकों ने अपनी जान गँवाई थी और वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों की शुरुआत से अब तक 4000 लोग मारे जा चुके हैं। ज्ञात हो कि पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का गठन 29 मई, 1948 को किया गया था जब ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ ने मध्य पूर्व में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षकों की एक छोटी टुकड़ी की तैनाती को अधिकृत किया था। यह दिवस वर्ष 2003 में पहली बार मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, प्रत्येक सदस्य राष्ट्र वैश्विक शांति के लिये अपने संबंधित हिस्से का भुगतान करने के लिये कानूनी रूप से बाध्य है। स्थानीय समुदायों का समर्थन करने के साथ-साथ शांति सैनिकों को कोविड-19 महामारी के प्रभावों से भी जूझना पड़ रहा है।
जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क
हाल ही में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) का दस दिन का जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क कार्यक्रम संपन्न हुआ। समापन समारोह में छह देशों- घाना, बांग्लादेश, पेरू, नेपाल, ब्रुनेई और नॉर्वे से आए 27 प्रतिनिधियों ने भारत यात्रा के अपने-अपने अनुभव साझा किये। इसके तहत दुनिया के 75 लोकतांत्रिक देशों के उभरते युवा नेताओं को भारत की सांस्कृतिक विविधता, कला, लोकतंत्र एवं अन्य विषयों की जानकारी तथा विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्राप्त हुआ। घाना के सांसद ने भारत की प्रशंसा की और कहा कि भारत की संस्कृति, भाषा एवं लोग अद्भुत हैं। जेन-नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न स्तरों पर भारत की लोकतांत्रिक शासन संरचना को परिभाषित करना है और दुनिया भर में भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की सफलता की समझ विकसित करना है। ICCR ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत नवंबर 2021 में जेन-नेक्स्ट डेमोक्रेसी कार्यक्रम के पहले बैच का आयोजन किया था, जिसमें भूटान, जमैका, पोलैंड, मलेशिया, स्वीडन, श्रीलंका, तंजानिया और उज़्बेकिस्तान जैसे आठ देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल 25 नवंबर से दो दिसंबर 2021 तक भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक परंपराओं को समझने के लिये भारत के दौरे पर रहा, जबकि दूसरा बैच 29 मई, 2022 को सम्पन्न हुआ। तीसरा बैच इस वर्ष जुलाई में शुरू होने वाला है।