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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31 जुलाई, 2020

  • 31 Jul 2020
  • 7 min read

रेन सोनम शेरिंग लेपचा

हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित भारतीय संगीतकार रेन सोनम शेरिंग लेपचा (Ren Sonam Tshering Lepcha) का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। इस अवसर पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पद्मश्री रेन सोनम शेरिंग लेपचा बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थ और उन्होंने महान लेप्चा संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के लिये सतत् रूप से उत्कृष्ट प्रयास किये।’ उनकी अनगिनत उत्‍कृष्‍ट कृतियों का सम्मान पीढ़ी-दर-पीढ़ी किया जाता रहा है। 3 जनवरी, 1928 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जन्मे सोनम शेरिंग लेपचा ने काफी कम उम्र में संगीत और नृत्य सीख लिया था। गौरतलब है कि वे 1960 में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) पर लेप्चा गाने वाले पहले व्यक्ति थे और वे बीते चार दशकों में एक सफल सार्वजनिक कलाकार के रूप उभरे थे। उन्होंने लेप्चा गीतों की रचना और संकलन किया तथा लेप्चा संगीत वाद्ययंत्र पर शोध भी किया, और लेप्चा लोकगीतों पर आधारित नृत्य-नाटक प्रस्तुत किये, जो कि सिक्किम में खासे लोकप्रिय हैं। उन्होंने वर्ष 2011 में लेप्चा लोकगीतों पर आधारित किताब ‘वोम जाट लिंग छायो’ (Vom Jat Ling Chhyo) भी प्रकाशित की है। लेप्चा संगीत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1995 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2007 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया।

‘मार्स 2020’ मिशन

हाल ही में नासा (NASA) ने मंगल ग्रह से संबंधित अपने ‘मार्स 2020 पर्सीवरेंस रोवर मिशन’ को लॉन्च कर दिया है, जो कि मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज करने और ग्रह से एकत्रित नमूनों को वापस पृथ्वी पर भेजने का कार्य करेगा। गौरतलब है कि यह मिशन नासा के सबसे महत्त्वकांक्षी और जटिल मिशनों में से एक है। नासा के इस मिशन का मुख्य लक्ष्य यदि मंगल ग्रह पर जीवन है तो उसके संकेतकों का पता लगाना है, इस कार्य के लिये पर्सीवरेंस रोवर नवीनतम तकनीक के माध्यम से मंगल ग्रह पर अपने लैंडिंग स्थल जेज़ेरो क्रेटर (Jezero Crater) का अध्ययन करेगा। नासा के इस मिशन की अवधि मंगल ग्रह के लगभग 1 वर्ष यानी पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर होगा, इस प्रकार नासा का पर्सीवरेंस रोवर 30 जुलाई, 2020 को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों मंगल ग्रह से संबंधी दो अन्य मिशन भी लॉन्च किये गए हैं, जिसमें पहला चीन का तियानवेन-1 (Tianwen-1) जो कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा, वहीं दूसरा संयुक्त अरब अमीरात का ‘होप मिशन’ है, जो कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग नहीं करेगा, बल्कि यह मंगल ग्रह के ऑर्बिट में रहकर उसके वातावरण का अध्ययन करेगा।

ADB की भारत को आर्थिक सहायता

हाल ही में बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank-ADB) ने COVID-19 महामारी से मुकाबला करने हेतु भारत सरकार की आपातकालीन प्रतिक्रिया का समर्थन करने हेतु अपने एशिया प्रशांत आपदा प्रतिक्रिया कोष (Asia Pacific Disaster Response Fund) से 3 मिलियन डॉलर यानी लगभग 22 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी है। एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा इस संबंध में जारी बयान में कहा गया है कि भारत को दिया जा रहा यह अनुदान जापान सरकार द्वारा वित्तपोषित होगा और इसको उपयोग भारत सरकार की COVID-19 प्रतिक्रिया को मज़बूत करने और इस महामारी से मुकाबला करने के लिये आवश्यक उपकरणों को खरीदने के लिये किया जाएगा। यह सहायता राशि भारत में संक्रमण की निगरानी को बढ़ाएगा और शुरुआती पहचान, कांटेक्ट ट्रेसिंग और उपचार में मदद करेगा। एशियाई विकास बैंक (ADB) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है। इसकी स्थापना 19 दिसंबर, 1966 को हुई थी। ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है। वर्तमान में ADB में 68 सदस्य हैं, जिनमें से 49 एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हैं।

रजत भाटिया

हाल ही में घरेलू क्रिकेट के वरिष्ठ खिलाड़ी और ऑल राउंडर रजत भाटिया (Rajat Bhatia) ने अपने लगभग 2 दशक लंबे प्रथम श्रेणी के कैरियर के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। ध्यातव्य है कि रजत भाटिया ने वर्ष 1999-2000 के सीज़न में तमिलनाडु के साथ खेलते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने कैरियर की शुरुआत की थी, जिसके लगभग दो वर्ष पश्चात् वे अपनी घरेलू टीम दिल्ली चले गए और उत्तराखंड की टीम में जाने से पूर्व वर्ष 2015 तक उन्होंने दिल्ली के लिये खेला। विदित हो कि रजत भाटिया ने आखिरी बार वर्ष 2019 में रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी मैच खेला था। वर्ष 2018-19 सत्र में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में 175 की औसत से 700 रन बनाए। इसके अलावा रजत भाटिया इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी कई टीमों की ओर से खेल चुके हैं, जिनमें दिल्ली, कोलकाता, राजस्थान और पुणे शामिल हैं। सन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए।

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