Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 सितंबर, 2021 | 30 Sep 2021
केंद्रीय पेट्रो केमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जयपुर में ‘केंद्रीय पेट्रो केमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान’ (सिपेट) का उद्घाटन किया है। इस संस्थान का उद्घाटन ऐसे समय में किया गया है, जब भारत व्यापक स्तर पर पेट्रोकेमिकल्स की कमी से जूझ रहा है और पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र में कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। यह एक आत्मनिर्भर इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान है, जो समर्पित रूप से पेट्रोकेमिकल एवं संबद्ध उद्योगों की ज़रूरतों को पूरा करेगा। पेट्रोकेमिकल विभिन्न रासायनिक यौगिकों के हाइड्रोकार्बन से प्राप्त किये जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से व्युत्पन्न होते हैं। पेट्रोकेमिकल उद्योग आर्थिक विकास और विनिर्माण क्षेत्र के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पेट्रोकेमिकल उद्योग में मूल्यवर्द्धन अन्य उद्योग क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। गौरतलब है कि भारत अपनी पेट्रोकेमिकल क्षमता को बढ़ावा देने हेतु एशिया में एक प्रमुख रिफाइनिंग हब के रूप में अपनी स्थिति को मज़बूत करने का प्रयास कर रहा है। भारत में वर्तमान में 23 रिफाइनरियाँ कार्यरत हैं और भारत वर्ष 2025 तक अपनी शोधन क्षमता को 400 मिलियन टन प्रतिवर्ष तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। वर्तमान में देश में 249.36 मिलियन टन प्रतिवर्ष से अधिक स्थापित क्षमता है।
विश्व समुद्री दिवस
विश्व की अर्थव्यवस्था में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री उद्योगों खासतौर पर शिंपिंग उद्योग के योगदान को चिह्नित करने के लिये वैश्विक स्तर पर 30 सितंबर, 2021 को ‘विश्व समुद्री दिवस’ का आयोजन किया गया। यद्यपि इस दिवस के आयोजन की तारीख प्रत्येक देश की सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, किंतु आमतौर पर यह दिवस सितंबर माह के अंतिम ‘गुरुवार’ (Thursday) को मनाया जाता है। विश्व समुद्री दिवस का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, शिपिंग सुरक्षा और समुद्री पर्यावरण के महत्त्व के संबंध में जागरूकता पैदा करना है। पहली बार विश्व समुद्री दिवस 17 मार्च, 1978 को आयोजित किया गया था। उल्लेखनीय है कि विश्व एक सुरक्षित और कुशल अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग पर निर्भर करता है, जो कि स्थायी रूप से भविष्य में हरित आर्थिक विकास के किसी भी कार्यक्रम का एक अनिवार्य घटक है। आँकड़ों की माने तो अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग, विश्व भर में आम लोगों और समुदायों के लिये वैश्विक व्यापार का 80 प्रतिशत से अधिक परिवहन करता है।
उत्तराखंड का पहला ‘पामेटम’
उत्तराखंड वन विभाग ने हाल ही में नैनीताल ज़िले के हल्द्वानी क्षेत्र में राज्य का पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा ‘पामेटम’ (Palmetum) आम लोगों को समर्पित किया है। इस पामेटम के निर्माण में कुल तीन वर्ष का समय लगा है जिसमें ‘पाम ट्री’ की 110 से अधिक प्रजातियाँ मौजूद हैं। इस ‘पामेटम’ की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य संरक्षण को बढ़ावा देना, भविष्य में ‘पाम ट्री’ पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और विभिन्न ‘पाम ट्री’ प्रजातियों के महत्त्व तथा पारिस्थितिक भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उत्तराखंड वन विभाग द्वारा स्थापित इस ‘पाल्मेटम’ में आईयूसीएन वर्गीकरण के अनुसार लगभग 4 प्रजातियाँ गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं, 2 प्रजातियाँ लुप्तप्राय हैं, 2 प्रजातियाँ सुभेद्य हैं। वहीं ‘पाम ट्री’ की एक प्रजाति उत्तराखंड के लिये स्थानिक है, जिसे ‘ट्रेचीकार्पस ताकिल’ (ताकिल पाम) कहा जाता है। गौरतलब है कि ‘पामेटम’ का आशय ‘पाम ट्री’ की विभिन्न प्रजातियों के समूह से है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य ‘पाम ट्री’ पर अनुसंधान को बढ़ावा देना होता है।
‘अमृत ग्रैंड चैलेंज प्रोग्राम- जनकेयर’
हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने टेलीमेडिसिन, डिजिटल हेल्थ, बिग डेटा के साथ एम-हेल्थ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी अत्याधुनिक प्रोद्योगिकियों में 75 स्टार्ट-अप नवाचारों की पहचान करने हेतु ‘जनकेयर’ (JANCARE) शीर्षक से ‘अमृत ग्रैंड चैलेंज प्रोग्राम’ लॉन्च किया है। ‘अमृत ग्रैंड चैलेंज प्रोग्राम- जनकेयर’ का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गए ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के साथ किया जा रहा है और यह युवा स्टार्टअप और उद्यमियों भारत की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के लिये अभिनव विचारों और समाधानों की खोज करने में मदद करेगा। गौरतलब है कि आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की एक शृंखला है। यह महोत्सव जनभागीदारी की भावना के साथ जन उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।