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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 नवंबर, 2022

  • 30 Nov 2022
  • 4 min read

अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस

जगुआर के लिये बढ़ते खतरों और उसके अस्तित्त्व के संरक्षण के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण प्रयासों के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस मनाने की शुरुआत हुई। यह प्रतिवर्ष 29 नवंबर को मनाया जाता है। जैव विविधता संरक्षण, सतत् विकास और मध्य एवं दक्षिण अमेरिका की सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस मनाया जाता है। यह अमेरिका का सबसे बड़ा वाइल्ड कैट है। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली (दिल्ली चिड़ियाघर) ने 29 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस मनाया। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय प्राणी उद्यान द्वारा जू-वॉक और बिग कैट्स एवं जगुआर पर एक्सपर्ट से बातचीत जैसी कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस दिवस का लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में जगुआर कॉरिडोर और उनके आवासों के संरक्षण की ज़रूरत पर ध्यान आकर्षित करना है। जगुआर (पैंथेरा ओंका) को अक्सर तेंदुआ समझ लिया जाता है लेकिन उनके शरीर पर बने धब्बों के कारण आसानी से अंतर किया जा सकता है। वैसे इस प्रजाति के कई कैट्स पानी से दूर रहते हैं लेकिन जगुआर अच्छे से तैर सकते हैं। इन्हें पनामा नहर में तैरने के लिये भी जाना जाता है।

कार्बन संकलन, उपयोग और भंडारण नीति:

नीति आयोग ने 29 नवंबर को कार्बन संकलन, उपयोग और भंडारण-(Carbon capture, utilisation and storage- CCUS) नीति के ढाँचे का शुभारंभ किया। इससे संबंधित रिपोर्ट ऊर्जा और विद्युत क्षेत्र के विभिन्‍न पक्षों से प्राप्‍त बहुमूल्‍य सूचना के आधार पर तैयार की गई है। इससे पहले सरकार ने अपस्‍ट्रीम अन्वेषण और उत्पादन कंपनियों के लिये वर्ष 2030 CCUS रोड मैप से संबंधित प्रारूप नीति को देश में सभी पक्षों से सुझाव लेने हेतु सार्वजनिक किया था। CCUS नीति ढाँचे का उद्देश्‍य भारत में कार्बन संकलन, उपयोग और भंडारण से संबंधित अनुसंधान एवं विकास में तेज़ी लाने के लिये एक व्‍यावहारिक ढाँचा विकसित तथा लागू करना है। चीन और अमरीका के बाद भारत तीसरा सबसे अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्‍सर्जन करने वाला देश है जो प्रतिवर्ष 2 दशमल 6 गीगा टन उत्‍सर्जन करता है। भारत के लिये अपने कार्बन उत्‍सर्जन को समाप्‍त करने का लक्ष्‍य हासिल करने हेतु कार्बन संकलन, उपयोग और भंडारण अत्‍यंत आवश्‍यक है। ग्‍लास्‍गो में विगत वर्ष प्रदूषण से संबंधित सम्‍मेलन में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2070 तक शून्य उत्‍सर्जन हासिल करने की घोषणा की थी। भारत सरकार वर्ष 2050 तक कार्बन डाइऑक्साइड उत्‍सर्जन को आधा करने के लिये संकल्पित है। ऐसे में वर्ष 2070 तक कार्बन उत्‍सर्जन को शून्‍य करने में CCUS की महत्त्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका रहेगी।

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