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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 जुलाई, 2021

  • 30 Jul 2021
  • 8 min read

राष्ट्रीय किसान डेटाबेस

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई हालिया घोषणा के मुताबिक, सरकार डिजिटल भूमि अभिलेखों का उपयोग कर एक ‘राष्ट्रीय किसान डेटाबेस’ की स्थापना की योजना बना रही है। यह राष्ट्रीय डेटाबेस किसानों को सक्रिय एवं व्यक्तिगत सेवाएँ प्रदान करेगा। साथ ही सरकार इस डेटाबेस में किसानों के व्यक्तिगत विवरण संबंधी डेटा की गोपनीयता भी सुनिश्चित करेगी। इस पहल का उद्देश्य उपलब्ध आँकड़ों के आधार पर समाधान विकसित करके किसानों की आय में वृद्धि करना है। ‘राष्ट्रीय किसान डेटाबेस’ यह सुनिश्चित करेगा कि इनपुट लागत में कमी किये जाने से गुणवत्ता में सुधार हो, कृषि गतिविधियों को आसान बनाया जा सके और किसानों को उनके कृषि उत्पाद का बेहतर मूल्य मिल सके। यह डेटाबेस सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने हेतु ऑनलाइन साइन-इन सुविधा प्रदान करेगा और किसानों को व्यक्तिगत एवं सक्रिय सेवाओं जैसे- मिट्टी व पौधों की स्वास्थ्य सलाह, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, सिंचाई सुविधाएँ, मौसम संबंधी सलाह, बीज, उर्वरक, बाज़ार पहुँच की सूचना, ऋण देने की सुविधा, कृषि उपकरण आदि प्रदान करेगा। वहीं यदि केंद्र सरकार पहले से ही ऐसी व्यवस्था बना चुकी है, तो उसे केंद्र सरकार के डेटाबेस के साथ एकीकृत किया जाएगा तथा उसमें और अधिक सुधार किया जाएगा। वर्तमान में इस डेटाबेस के तहत केवल वे किसान शामिल होंगे जो सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार कृषि भूमि के कानूनी मालिक हैं। भूमिहीन किसानों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।

बसवराज बोम्मई

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्‍पा के इस्तीफे के बाद ‘बसवराज बोम्‍मई’ ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। बसवराज बोम्मई ने वर्ष 2008 से वर्ष 2013 के बीच राज्य के ‘जल संसाधन मंत्री’ और जुलाई 2019 से राज्य के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया है। उत्तरी कर्नाटक के हावेरी ज़िले के ‘शिगगाँव’ से तीन बार विधायक रह चुके 61 वर्षीय बसवराज बोम्मई, दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ‘एस.आर. बोम्मई’ के पुत्र हैं। बसवराज बोम्मई सक्रिय राजनीति में शामिल होने से पूर्व एक मैकेनिकल इंजीनियर थे, जिन्होंने पुणे में टाटा कंपनी के साथ अपने इंजीनियरिंग कॅरियर की शुरुआत की थी। 

बाँस औद्योगिक पार्क

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ‘दीमा हसाओ’ ज़िले के मंडेरडीसा में एक ‘बाँस औद्योगिक पार्क’ की आधारशिला रखी है। इस परियोजना को ‘मिनिस्ट्री फॉर डेवलपमेंट ऑफ नार्थ ईस्टर्न रीजन’ द्वारा 50 करोड़ रुपए की लागत से क्रियान्वित किया जाएगा। ‘बाँस औद्योगिक पार्क’ इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा और स्थानीय युवाओं के लिये रोज़गार के व्यापक अवसर पैदा करेगा। ज़िले में उत्पादित बाँस अब तक केवल अधिकतर पेपर मिलों को निर्यात किया जाता था, हालाँकि इस पार्क के बन जाने के साथ ही ज़िले के बाँस उद्योग के लिये टाइल्स और अगरबत्ती आदि के उत्पादन में संलग्न होने के नए रास्ते खुलेंगे, जिससे स्थानीय लोगों को अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। वैश्विक उद्योग रिपोर्ट (2019) के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर बाँस उद्योग का मूल्य तकरीबन 72.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो कि वर्ष 2026 तक 98.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकता है। यद्यपि भारत के पास दुनिया के बाँस संसाधनों का 30% हिस्सा मौजूद है, किंतु भारत अपनी बाँस क्षमता का केवल दसवें हिस्से का ही उत्पादन करता है, जो कि वैश्विक बाँस बाज़ार का केवल 4% है। असम संपूर्ण भारत में प्राकृतिक एवं घरेलू बाँस के प्रमुख स्रोतों में से एक है। असम में बाँस सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। असम में बाँस की 51 प्रजातियाँ उगाई हैं, यदि इसका उचित उपयोग किया जाए तो इसमें पर्याप्त रोज़गार और राजस्व उत्पन्न करने की क्षमता है।

‘बृहस्पति’ का ‘गैनिमीड’ चंद्रमा

हबल स्पेस टेलीस्कोप के डेटा का विश्लेषण कर शोधकर्त्ताओं ने हाल ही में ‘बृहस्पति’ ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा ‘गैनिमीड’ के वातावरण में जलवाष्प के साक्ष्य प्राप्त किये हैं। इससे पूर्व पिछले कई अध्ययनों में भी पाया गया था कि ‘गैनिमीड’ में पृथ्वी की तुलना में अधिक पानी हो सकता है, किंतु चूँकि यह बेहद ठंडा है (-100 से -180 डिग्री सेल्सियस), इसलिये इसकी सतह पर पानी ठोस रूप में हो सकता है। यह अनुमान है कि तरल रूप में महासागर ‘गैनिमीड’ की सतह से लगभग 160 किलोमीटर नीचे हो सकता है। ऐसे में ‘गैनिमीड’ पर जल की मौजूदगी के साक्ष्य, जीवन और रहने योग्य ग्रह की खोज में महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं। वर्ष 1998 में ‘हबल’ के ‘स्पेस टेलीस्कोप इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ’ (STIS) ने ‘गैनिमीड’ की पहली पराबैंगनी तस्वीरें ली थीं। उत्सर्जन का अध्ययन करने पर शोधकर्त्ताओं ने यह भी पाया कि ‘गैनिमीड’ में स्थायी चुंबकीय क्षेत्र और कुछ परमाणु ऑक्सीजन मौजूद है। सूर्य से पाँचवीं पंक्ति में बृहस्पति, सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है जो अन्य सभी ग्रहों के मुकाबले दोगुने से अधिक बड़ा है। यह लगभग प्रत्येक 10 घंटे में एक बार घूर्णन (एक जोवियन दिवस) करता है, परंतु सूर्य की परिक्रमा (एक जोवियन वर्ष) करने में इसे लगभग 12 वर्ष लगते हैं। बृहस्पति के पास 75 से अधिक चंद्रमा हैं।

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